
रवि तिवारी@देवभोग. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों में गड़बड़ी का मामला गाहे-बगाहे सामने आता रहता है। ताजा मामला कुम्हड़ई कला से लेकर सुपेबेडा सीमा तक जाने वाली सड़क का है। साल भर में ही सड़क दरकने लगी है।
पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित इस सड़क में कई जगह दरार पड़ गई हैं, वहीं 16.425 किलोमीटर की इस सड़क में कई जगहों पर सड़क दबने भी लगा हैं..
ग्रामीणों के मुताबिक यह सड़क निर्माण के महज सात महीने में ही दरकने लगी थी । इससे स्थानीय लोग सड़क की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे, लेकिन जिम्मेदारों ने गुणवत्ता पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा । विदित हो कि करीब 16 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गत वर्ष 281.53 लाख की लागत से तैयार किया गया था। योजना की कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग है,जबकि ठेकेदार मेसस हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर रायपुर हैं । ग्रामीणों के मुताबिक, निर्माण के छह-सात महीने बाद ही यह सड़क सुपेबेडा गांव के समीप जगह-जगह दरकने लगी थी । इतनी कम अवधि में सड़क में दरारे दिखने से ग्रामीणों में रोष देखा जा रहा है। उधर इस संबंध में जब सब इंजीनियर सौरभ दास से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सड़क का रखरखाव 5 वर्ष तक करना है। इसके लिए राशि सुरक्षित है।
पीएम सड़कों में गुणवत्ता का नहीं रखा जा रहा ध्यान
अभी हाल ही में फोकटपारा से लेकर गोहेकेला सीमा तक बनाई गई पीएम सड़क में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया हैं.. क्षेत्र में बनी अधिकांश पीएम सड़कों का हालत खराब स्थिति में है। इन सड़कों का निर्माण हुए मात्र सात से नौ महीने ही हुए हैं। लेकिन, सड़कों में जगह-जगह पड़ी दरारें इस बात की गवाह है कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता और इस्टीमेट का कितना ध्यान रखा गया है। सड़कों के निर्माण में विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों द्वारा शुरु से ही मेटेरियल की जांच न करने का खमियाजा आज स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।