राजनांदगांव

Corona: मौत के बाद भी ‘लॉकडाउन’..परिजनों को नहीं मिली चिता की राख, आखिर कब होगा मुक्तिधाम का चयन?,Video

अवधेश यादव@राजनांदगांव। (Corona)कोरोना से संक्रमित मरीज का प्रशासन के कोरोना प्रोटोकॉल में अब स्थिति यह बन गई है कि कोरोना से संक्रमित मरीज के मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार प्रशासन की देखरेख में किया जा रहा हैय लेकिन प्रशासन ने एक स्थाई जगह का चयन नही किया। जिसके चलते कहीं भी अंतिम संस्कार प्रशासन कर रहा है। अब परिजनों को चिता की राख और अस्थियां भी नही मिल पा रही हैं।

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मौत के बाद राख और अस्थि भी नहीं मिल रही

शहर के लालबाग सिंधी कालोनी निवासी 74 वर्षीय दयालदास गंगवानी की मौत कोरोना संक्रमण के चलते रायपुर के हॉस्पिटल में हुई थी। चूंकि मृतक कोरोना संक्रमित था। इसलिए जिला प्रशासन ने मृतक का अंतिम संस्कार प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रशासन की निगरानी में करवाया। आज जब परिजन अपने रिश्तेदार की चिता की राख और अस्थि उठाने मौके पर पहुंचे तो वहां कुछ भी नही मिला। जिससे परिजन चिंतित थे।

अब तक मुक्तिधाम का नहीं हो पाया निर्धारण

दरअसल कोरोना संक्रमित व्यक्ति के दाह संस्कार के लिए प्रशासन आज तक किसी जगह का निर्धारण नही कर पाया है। शुरू-शुरू में जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत होती थी। तब प्रशासन ने इतना डर बना दिया था। जिसके लिए प्रोटोकॉल बनाया गया। पहले परिजनों को सम्मिलित नही किया जा रहा था। अब दाह संस्कार के समय 2-3 परिजनों को अंतिम संस्कार के समय रखा जाता है।

दहशत ऐसा कि नहीं बन पा रहा मुक्तिधाम

दहशत के चलते किसी भी गांव या निर्धारित मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमित का दाह संस्कार नही करने दिया जा रहा है। जहां भी कोरोना संक्रमित का दाह संस्कार किया जा रहा है। प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते प्रशासन अब कहीं भी संक्रमित का दाह संस्कार कर रहा हैं। जिसके चलते इस प्रकार की घटनाएं देखने मिल रही है। बहरहाल पूरे मामले में अब निगम आयुक्त ने जांच करवाने की बात कही है।

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