छत्तीसगढ़राजनीति

सहकारिता विधेयक में बदलाव को लेकर मुखर हुई बीजेपी, कहा- कांग्रेस सत्ता के लिए आदमखोर, कांग्रेस का पलटवार, बोले- आदमखोर तो भाजपा है, हमारी एक पीढ़ी के नेताओं को ख़त्म की

रायपुर. सहकारिता विधेयक में बदलाव को लेकर प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है। आज इसी मसले पर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। किसान मोर्चा के नेताओं के साथ मीडिया से बात करने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर आए। दोनों नेताओं ने दावा किया कि सहकारिता विधेयक में संशोधन करके सहकारी सोसायटी के चुनावों को बंद किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में कहा, छत्तीसगढ़ सहकारिता संशोधन विधेयक लाया गया। यह विधेयक लोकतंत्र की हत्या है। किसान, आदिवासियों की अधिकारों को छीनने की कोशिश है। प्रशासन नियुक्त करने का अधिकार भी तय किया गया है। सहकारी आंदोलन को समाप्त करने की साजिश रची गई है। बृजमोहन ने आगे कहा- भाजपा लोकतंत्र को मानने वाला दल है। मगर कांग्रेस पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल करने की कोशिश में है। पहले लोगों को नगर निगम के चुनावों में दो वोट देने का अधिकार था, महापौर को एक और दूसरा पार्षद को। कांग्रेसी आदमखोर हो गए हैं, अप्रत्यक्ष चुनाव करवाकर सत्ता हासिल करने का खून लग गया है, इनकी आदत में आ गया है। इसलिए महापौर का चुनाव नहीं करवाया, मंडियों में भी ऐसा हुआ। अब सोसायटी में ऐसा कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में डेढ़ दशक जिनकी सरकार थी, उस आदमखाेर भाजपा सरकार का अभिन्न अंग थे बृजमोहन अग्रवाल। किसी से नहीं छुपा है कि भाजपा के शासन में कैसे आदिवासियों के खून के दाग भाजपा सरकार पर लगे, लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कैसे भाजपा ने किया। कांग्रेस के एक पीढ़ी के नेताओं को झीरम में समाप्त करने की साजिश रची गई थी तो आदमखोर तो भाजपा की सरकार थी। अब प्रदेश में बहुमत के साथ चुनी गई कांग्रेस की शांति अहिंसा के मार्ग पर चलने वाली सरकार है। भाजपा ने 15 सालों तक राज्य में सहकारी संस्थाओं को नष्ट कर दिया था।

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रायपुर. सहकारिता विधेयक में बदलाव को लेकर प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है। आज इसी मसले पर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। किसान मोर्चा के नेताओं के साथ मीडिया से बात करने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर आए। दोनों नेताओं ने दावा किया कि सहकारिता विधेयक में संशोधन करके सहकारी सोसायटी के चुनावों को बंद किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में कहा, छत्तीसगढ़ सहकारिता संशोधन विधेयक लाया गया। यह विधेयक लोकतंत्र की हत्या है। किसान, आदिवासियों की अधिकारों को छीनने की कोशिश है। प्रशासन नियुक्त करने का अधिकार भी तय किया गया है। सहकारी आंदोलन को समाप्त करने की साजिश रची गई है। बृजमोहन ने आगे कहा- भाजपा लोकतंत्र को मानने वाला दल है। मगर कांग्रेस पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल करने की कोशिश में है। पहले लोगों को नगर निगम के चुनावों में दो वोट देने का अधिकार था, महापौर को एक और दूसरा पार्षद को। कांग्रेसी आदमखोर हो गए हैं, अप्रत्यक्ष चुनाव करवाकर सत्ता हासिल करने का खून लग गया है, इनकी आदत में आ गया है। इसलिए महापौर का चुनाव नहीं करवाया, मंडियों में भी ऐसा हुआ। अब सोसायटी में ऐसा कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में डेढ़ दशक जिनकी सरकार थी, उस आदमखाेर भाजपा सरकार का अभिन्न अंग थे बृजमोहन अग्रवाल। किसी से नहीं छुपा है कि भाजपा के शासन में कैसे आदिवासियों के खून के दाग भाजपा सरकार पर लगे, लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कैसे भाजपा ने किया। कांग्रेस के एक पीढ़ी के नेताओं को झीरम में समाप्त करने की साजिश रची गई थी तो आदमखोर तो भाजपा की सरकार थी। अब प्रदेश में बहुमत के साथ चुनी गई कांग्रेस की शांति अहिंसा के मार्ग पर चलने वाली सरकार है। भाजपा ने 15 सालों तक राज्य में सहकारी संस्थाओं को नष्ट कर दिया था।

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