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भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर विवाद, नासिक में होगी धर्म संसद, जन्मस्थली पर चर्चा

नई दिल्ली. ज्ञानवापी विवाद के बाद, भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर एक विवाद सामने आया है । मामले को सुलझाने के लिए महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर के स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने 31 मई को नासिक में धर्म संसद बुलाई है.

स्वामी अनिकेत ने कहा कि धर्म संसद में देश भर के सभी साधु भगवान हनुमान की जन्मभूमि के संबंध में अपने विचार रखेंगे और उसके बाद संसद में जो भी निर्णय होगा उसे सभी स्वीकार करेंगे.

विशेष रूप से, कर्नाटक के एक संत ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म नासिक के अंजनेरी में नहीं बल्कि किष्किंधा, कर्नाटक में हुआ था।
वाल्मीकि रामायण का जिक्र करते हुए किष्किंधा के महंत गोविंद दास ने दावा किया है कि भगवान हनुमान का जन्म किष्किंधा में हुआ था।

उन्होंने कहा कि रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहीं नहीं लिखा है कि हनुमान जी का जन्म अंजनेरी में हुआ था। जन्म स्थान हमेशा एक ही स्थान पर रहता है और कहीं भी यह नहीं लिखा है कि भगवान हनुमान का जन्म अंजनेरी, नासिक में हुआ था। इसी दावे के साथ महंत गोविंद रथ लेकर त्र्यंबकेश्वर पहुंचे, जहां वह शास्त्रों के आधार पर भगवान हनुमान की जन्मभूमि के संबंध में नासिक में संतों के साथ चर्चा करेंगे। धर्म संसद
के मद्देनजर31 मई को होने वाले नासिक पुलिस ने आयोजकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया है

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