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बस्तर में धर्मांतरण के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद, ग्रामीणों का विरोध जारी

कांकेर। बस्तर संभाग के कांकेर जिले के जामगांव में एक धर्मांतरण से जुड़ा मामला गरमा गया है। यहां ईसाई धर्म अपना चुके एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके शव को दफनाने का गांव के गैर ईसाई ग्रामीणों और बजरंग दल से जुड़े लोगों ने विरोध किया। यह विरोध तब शुरू हुआ जब मृतक के परिजनों ने ईसाई परंपराओं के अनुसार शव को दफनाने की कोशिश की।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शव को गांव की जमीन में दफनाया जा रहा है, जो परंपराओं के खिलाफ है। विवाद बढ़ता देख प्रशासन मौके पर पहुंचा और दोनों पक्षों को समझाइश दी गई। इसके बाद मृतक को उसकी निजी जमीन में दफनाया गया, लेकिन विरोध करने वाले ग्रामीण अब भी धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक शव को निकालकर हिंदू रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, वे पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन ने इलाके में पुलिस बल तैनात किया है ताकि स्थिति नियंत्रित रहे।

धर्मांतरण और मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार से जुड़ा यह पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी बस्तर में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जो चुनावी मुद्दा भी बने। एक मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक गया था, जहां जस्टिस बीवी नागरत्ना ने संविधान के अनुच्छेदों का हवाला देते हुए निजी भूमि में दफनाने की सलाह दी थी। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मृतक का अंतिम संस्कार सम्मानजनक ढंग से उसकी निजी भूमि पर ही किया जाए।

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