आमानाका चौपाटी शिफ्टिंग से पहले विवाद, रेलवे ने दुकानदारों को 7 दिन में जगह खाली करने का नोटिस जारी किया

रायपुर। रायपुर में एनआईटी चौपाटी को आमानाका शिफ्ट करने की योजना विवादों में फंस गई है। नगर निगम की योजना के तहत चौपाटी को आमानाका ब्रिज के नीचे स्थानांतरित किया जाना था, लेकिन वह जगह रेलवे की जमीन पर है। रेलवे ने वहां ठेले लगाने वाले दुकानदारों को 7 दिन में स्थान खाली करने का नोटिस चिपकाया है, जिससे दुकानदार और नगरपालिका दोनों ही तनाव में हैं।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और नगर निगम नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी ने मंगलवार को स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने चौपाटी के निर्माण पर 10-12 करोड़ रुपए खर्च किए थे, लेकिन अब इसे गलत साबित करने की कोशिश हो रही है। आकाश तिवारी ने अधिकारियों पर गलत फैसले लेने का आरोप लगाया और कहा कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
रेलवे के नोटिस से 32 मैकेनिक दुकानदार भी प्रभावित हुए हैं। उनका कहना है कि चौपाटी शिफ्ट करने में देरी हो रही है और नोटिस मिलने से उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं।
नगर निगम आयुक्त विश्वदीप ने स्पष्ट किया कि रेलवे की नोटिस के बाद चौपाटी शिफ्टिंग फिलहाल रोक दी गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन से बातचीत जारी है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।
रायपुर रेल मंडल के डीसीएम राकेश सिंह ने बताया कि रेलवे पहले से ही उस जमीन पर पार्किंग विकसित करने की योजना बना चुका है। उन्हें चौपाटी शिफ्टिंग के बारे में नगर निगम से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी, इसी कारण नोटिस जारी किया गया।
पूर्व में लगभग 10 करोड़ रुपए खर्च कर चौपाटी का विकास किया गया था। 2023 में भाजपा सरकार आने के बाद नालंदा-2 निर्माण के लिए चौपाटी हटाने की योजना बनाई गई थी। नवंबर 2025 में नगर निगम ने 15 नवंबर से शिफ्टिंग की तारीख घोषित की थी, लेकिन रेलवे के नोटिस ने योजना पर रोक लगा दी है। इस विवाद के बीच दुकानदारों और प्रशासन के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती बनी हुई है।





