दिसंबर में सीएम हाउस घेराव करेगी कांग्रेस: बिजली बिल और एसआईआर प्रक्रिया पर सड़क पर उतरने की तैयारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी बिजली बिल के मुद्दे पर दिसंबर के दूसरे हफ्ते में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बताया कि लगातार बढ़ते बिजली बिलों से जनता काफी परेशान है। यदि सरकार ने बिजली के दाम नहीं घटाए तो एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस इस आंदोलन को सड़क पर तेज करेगी।
बैज ने कहा कि राज्य देश के सबसे बड़े विद्युत उत्पादक राज्यों में से एक है, लेकिन बिजली महंगी होना सरकार की असफलता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना को बंद कर दिया गया है और पिछले दो साल में चार बार बिजली दरें बढ़ाई गई हैं। कोयले पर सेस हटने के बाद कोयला सस्ता हुआ, लेकिन सरकार ने बिजली के दाम घटाने की कोई पहल नहीं की।
कांग्रेस का कहना है कि स्मार्ट मीटर के कारण उपभोक्ताओं की रीडिंग सामान्य से अधिक दिखाई जा रही है, जिससे जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है। कांग्रेस की मांगों में शामिल है: बिजली के दाम 30 नवंबर तक घटाए जाएं, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ योजना फिर से लागू की जाए, स्मार्ट मीटर लगाना बंद किया जाए और पुराने चेक मीटर से रीडिंग का मिलान सुनिश्चित किया जाए।
बैज ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार की ‘बिजली बिल हाफ’ योजना से जनता को राहत मिली थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे बंद कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि कोयले की कीमत में लगभग 400 रुपए की कमी होने के बावजूद सरकार ने वीसीए (वेरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट) घटाकर बिजली सस्ती नहीं की।
ग्रामीण क्षेत्रों में 8-9 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ी है। दीपक बैज ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार बिजली दरें घटाने की मांग नहीं मानेगी तो दिसंबर का सीएम हाउस घेराव बड़े आंदोलन में बदल जाएगा। कांग्रेस इस आंदोलन को जनता की आवाज बनाकर सत्ताधारी सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
यह आंदोलन केवल बिजली के मुद्दे तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जनता की परेशानियों और सरकार की नाकामियों को उजागर करने का भी एक मंच होगा।



