छत्तीसगढ़

कांग्रेस राजनीति में अमर्यादित शब्दो की प्रवर्तक बन गई है – चंदेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला के बयान पर रोषपूर्ण प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्होंने कांग्रेस की अमर्यादित संस्कृति के प्रभाव में हमारे मुख्य प्रवक्ता व राज्य शासन के पूर्व वरिष्ठ मंत्री और मौजूदा विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य अजय चंद्राकर के लिए गाली का उपयोग किया है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम 24 घंटे में असभ्य, अभद्र और आपत्तिजनक आचरण का सार्वजनिक प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस संचार प्रमुख से माफी की मांग करे अन्यथा यह साबित हो जायेगा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष ऐसी निकृष्ट मानसिकता को संरक्षण दे रहे हैं और उनके इशारे पर ही कांग्रेस के संचार प्रमुख ने बेहद असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि राजनीति में मुद्दों की लड़ाई चलती रहती है लेकिन शुचिता होना बहुत जरूरी है। भाषा की मर्यादा होना भी जरूरी है। वरिष्ठ नेताओं पर, पूर्व मंत्रियों पर, मुख्य प्रवक्ता पर इस प्रकार की टिप्पणी कांग्रेस के एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति के द्वारा की गई है। मीडिया प्रमुख किसी राजनीतिक संस्थान के विचार का प्रवाचक होता है तो क्या कांग्रेस नेतृत्व इससे सहमत है कि उसके संचार प्रमुख ने जो अशोभनीय व्यवहार किया है, वह कांग्रेस का संस्थागत व्यवहार है? यह बेहद निंदनीय है। राजनीति में आने वाले युवा इसको देख कर क्या सीखेंगे? क्या कांग्रेस अब राजनीति में गालियां भी चलाना चाहती है?कांग्रेस अपनी गलती का एहसास करे, माफी मांगे , भारतीय जनता पार्टी ऐसे हर व्यक्ति का बहिष्कार करेगी, जो राजनीति में गाली का इस्तेमाल करता है।

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नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम 24 घंटे में असभ्य, अभद्र और आपत्तिजनक आचरण का सार्वजनिक प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस संचार प्रमुख से माफी की मांग करे अन्यथा यह साबित हो जायेगा कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष ऐसी निकृष्ट मानसिकता को संरक्षण दे रहे हैं और उनके इशारे पर ही कांग्रेस के संचार प्रमुख ने बेहद असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया है।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि राजनीति में मुद्दों की लड़ाई चलती रहती है लेकिन शुचिता होना बहुत जरूरी है। भाषा की मर्यादा होना भी जरूरी है। वरिष्ठ नेताओं पर, पूर्व मंत्रियों पर, मुख्य प्रवक्ता पर इस प्रकार की टिप्पणी कांग्रेस के एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति के द्वारा की गई है। मीडिया प्रमुख किसी राजनीतिक संस्थान के विचार का प्रवाचक होता है तो क्या कांग्रेस नेतृत्व इससे सहमत है कि उसके संचार प्रमुख ने जो अशोभनीय व्यवहार किया है, वह कांग्रेस का संस्थागत व्यवहार है? यह बेहद निंदनीय है। राजनीति में आने वाले युवा इसको देख कर क्या सीखेंगे? क्या कांग्रेस अब राजनीति में गालियां भी चलाना चाहती है?कांग्रेस अपनी गलती का एहसास करे, माफी मांगे , भारतीय जनता पार्टी ऐसे हर व्यक्ति का बहिष्कार करेगी, जो राजनीति में गाली का इस्तेमाल करता है।

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