
बीजापुर। जिले के पीडिया के जंगलों में बीते 10 मई को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों के बाद अब बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने भी फर्जी बताया है. वहीं अब कांग्रेस ने पीडिया मुठभेड़ की जांच के लिए 8 सदस्यीय टीम गठित किया है. टीम के संयोजक पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम होंगे। इसके साथ ही 7 सदस्य भी इस जांच दल का हिस्सा है। जो कि प्रभावित गांव का दौरा करेंगे और वहां पीडित परिजनों व ग्रामीणों से मुलाकात कर मुठभेड़ से संबंधित जानकारी एकत्रित करेंगे। फिर एक संक्षिप्त रिपोर्ट बनाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगे।
पीडिया नक्सली मुठभेड़
दो दिनों पहले 1 हजार से अधिक जवानों को हार्डकोर नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद टीम सर्चिंग पर निकली और जंगल को चारों ओर से घेर लिया था। जिसके बाद मौके पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए, जबकि कई घायल भी हुए। ये भी बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों से बचने के लिए जंगल में मौजूद नक्सलियों ने अपने कपड़े बदलकर ग्रामीणवाले कपड़े पहन लिए। जिससे की उनकी पहचान एक ग्रामीण के तौर पर हो। अब मुठभेड़ के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं, ग्रामीणों ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया है, वहीं पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए छत्तीसगढ़ शासन से न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही कवासी लखमा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, तब से निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर उनका फर्जी एकाउंटर किया जा रहा है।
आदिवासी समाज पीडिया गांव पहुंचकर इस मामले की जांच करेगा
उन्होंने कहा कि पीडिया के जंगल में भी निर्दोष आदिवासियों को जवानों ने नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लोगों काफी आक्रोश है. कवासी लखमा ने कहा कि मुठभेड़ की सच्चाई जानने के लिए सर्व आदिवासी समाज पीडिया गांव पहुंचकर इस मामले की जांच करेगा.