SIR प्रक्रिया की अवधि 3 महीने बढ़ाने की मांग, कांग्रेस बनाएगी निगरानी टीम निर्वाचन

आयोग ने मतदाता हेल्प डेस्क में सुपरवाइजर किए नियुक्त
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने एसआईआर की अवधि तीन महीने बढ़ाने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि इस समय प्रदेश में धान खरीदी का सीजन चल रहा है, ऐसे में ग्रामीण और किसान मतदाताओं के लिए दस्तावेज जमा करना कठिन है। कांग्रेस ने कहा कि मतदाता सूची की पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए और किसी भी मतदाता का नाम अनुचित रूप से विलोपित न किया जाए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने जिले और तहसील स्तर पर मतदाता हेल्प डेस्क और आईटी डेस्क स्थापित की है। प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बीएलओ सुपरवाइजरों की नियुक्ति की गई है। इसमें धरसींवा में भावेश वर्मा, खरोरा में अनिमेश श्रीवास्तव, तिल्दा में दिनेश डहरिया, मंदिर हसौद में ओम प्रकाश देवांगन, आरंग में महेंद्र वर्मा, रायपुर में हेमंत भतपहरी, अभनपुर में नंद कुमार साहू और गोबरा-नवापारा में अकक्ष चंद्राकर को जिम्मेदारी दी गई है।
राजीव भवन में हुई बैठक में कांग्रेस की एसआईआर निगरानी समिति के संयोजक मोहन मरकाम, सह-संयोजक धनेन्द्र साहू और एआईसीसी सचिव देवेंद्र यादव ने कहा कि एसआईआर का कार्य आयोग का होना चाहिए, किसी दल का नहीं। पार्टी ने आयोग से मांग की कि बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करें और मतदाता से लिखित पुष्टि प्राप्त करें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कांग्रेस राज्यभर में एसआईआर निगरानी अभियान चलाएगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जो जिला और विधानसभा स्तर की समितियों से जुड़ा रहेगा। पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा और आयोग की मिलीभगत से मतदाता सूची में गड़बड़ी की जा रही है, जिसे कांग्रेस हर स्तर पर चुनौती देगी।





