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झीरम घाटी हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेस ने मनाया शहादत दिवस, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर उठाए सवाल

रायपुर। झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं बरसी पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को शहादत दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शहीद नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और एक बार फिर इस दर्दनाक घटना की निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत में घटना की यादें साझा करते हुए कहा कि “झीरम घाटी की घटना को आज 12 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला। इस हमले में कांग्रेस पार्टी ने अपनी अग्रिम पंक्ति के कई समर्पित नेताओं को खो दिया, जिनकी क्षति कभी पूरी नहीं हो सकती।”

एनआईए जांच पर उठाए सवाल

बघेल ने केंद्र सरकार और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, “जिन लोगों ने आत्मसमर्पण किया, उनसे कोर्ट के आदेश के बावजूद पूछताछ नहीं हुई। न ही घटनास्थल पर मौजूद घायलों से कोई गंभीरता से बयान लिए गए। यह दर्शाता है कि जांच की दिशा शुरू से ही कमजोर रही।”

राजनीतिक इच्छाशक्ति पर भी साधा निशाना

पूर्व सीएम ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि छह महीने में दोषी जेल में होंगे। लेकिन आज 11 साल बाद भी कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। “जब हमारी सरकार थी, हमने केंद्र से झीरम जांच के अधिकार मांगे, पर कोई सुनवाई नहीं हुई,” उन्होंने कहा।

एजेंसियों के कामकाज पर सवाल

भूपेश बघेल ने कहा कि “आज देश की जांच एजेंसियां केवल एकतरफा कार्रवाई कर रही हैं और राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही हैं, जबकि झीरम जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों को गंभीरता से लेने की जरूरत है।” इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने झीरम घाटी हमले में शहीद हुए नेताओं को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। पार्टी ने झीरम हमले को लोकतंत्र पर हमला बताया और दोहराया कि जब तक न्याय नहीं मिलता, कांग्रेस की लड़ाई जारी रहेगी।

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