राजनीति

Congress ने Rss संघ प्रमुख से पूछा- किन कारणों से भगवान राम की माता कौशल्या के जन्मभूमि विवाद पर खामोश रहे

रायपुर। (Congress) छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने दूसरे दिन भी संघ प्रमुख डॉ

मोहन भागवत पर सवालों की बौछार करते हुए नजर आये.

आगामी दिनों में संघ प्रमुख मोहन भागवत का दो दिवसीय दौरा छत्तीसगढ़ राज्य में आहूत है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम  के जन्मभूमि विवाद और मंदिर निर्माण का श्रेय लेने की होड़

में शामिल संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत कौशल्या माता के जन्मभूमि विवाद पर पिछले बीस सालों से खामोश क्यों थे.

(Congress) जबकि उनका लगातार दौरा छत्तीसगढ़ राज्य और राजधानी रायपुर में होता था.

किन कारणों से भगवान राम की माता कौशल्या के जन्मभूमि में स्थित मंदिर गर्भ-गृह में लगे ताले पर संघ प्रमुख खामोश थे .

(Congress) अब जब वह दो दिवसीय प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं

. कांग्रेस पार्टी उनसे पूछना चाहती है कि क्या डॉक्टर मोहन भागवत भगवान श्री राम की माता कौशल्या के मंदिर चंदखुरी दर्शन के लिये जाएंगे

क्या वह यह जानने का प्रयास करेंगे कि किन कारणों से पिछले बीस सालों से कौशल्या माता के मंदिर के गर्भ गृह में

ताला लगा कर रखा गया था

 

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और इस विषय पर संघ समर्थित पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार छत्तीसगढ़ का राज्य के आरएसएस इकाई और विश्व

हिंदू परिषद इकाई खामोश क्यों थी

इस बात की जानकारी क्या हुआ लेना उचित समझेंगे।

माता कौशल्या जन्मभूमि पर क्यों चुप हैं RSS

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से प्रश्न किया है कि लगातार आरएसएस हिंदुत्व और

भगवान राम जन्मभूमि विवाद की बात करती है.

पर छत्तीसगढ़ राज्य में माता कौशल्या जन्मभूमि विवाद और राम वन गमन को हाशिये में रखे जाने के विषय पर चुप्पी साधे रखती है

जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह खुद एक स्वयंसेवक हैं

और लगातार संघ प्रमुख मोहन भागवत के सतत संपर्क में रहते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने संघ प्रमुख से पूछा है कि क्या वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार की महती योजना राम

वन गमन का अवलोकन करेंगे और क्या वह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुखिया और नेताओं से प्रश्न करेंगे

कि किन कारणों से कौशल्या माता की जन्म भूमि विवाद पर कुछ नहीं किया गया जबकि माता के भक्त उनके दर्शन के लिए बीस सालों से कष्ट भोग रहे थे।

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा रामायण कॉरिडोर योजना की घोषणा की गई है

और छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर शहर मात्र को ही इस परियोजना में शामिल किया गया है

जबकि यह सर्वविदित है कि छत्तीसगढ़ राज्य जो पूर्व में कौशल राज्य था और माता कौशल्या का मायके था

भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम का ननिहाल था

और इसी कौशल राज्य के विभिन्न स्थानों से गुजर कर,रुक कर भगवान राम माता सीता और  लक्ष्मण जी बहुत से स्थानों पर रुके.

वनवास का समय व्यतीत किया जो कि समूचे विश्व के राम भक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है।

भगवा राम से संबंधित 75 स्थानों का किया चयन

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस सरकार ने भगवान राम से संबंधित 75 स्थानों का चयन किया है।

पहले चरण में इनमें से 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण एवं विकास किया जा रहा है।

इसके लिए 137 करोड़ 45 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है।

इस परिपथ में अच्छी सड़कों समेत विभिन्न तरह की नागरिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी

,फलदार वृक्ष और सुगंधित फ़ूलोंके पौधे भी रोपे जायेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार के इन निर्णय से समूचे विश्व के राम भक्तों में हर्ष व्याप्त है

और देशभर के साधु संत ऋषि मुनि भी कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल की कार्यों की सराहना कर रहे हैं

पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत और संघ परिवार ने चुप्पी साध रखा है,

क्या आरएसएस प्रमुख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राम काज को पचा नही पा रहे है

या संघ समर्थित पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार के भगवान राम की माता कौशल्या विरोधी कृत्यों पर शर्मिंदा है।

 

 

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