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घरों से निकलने वाले कचरे से बन रहा खाद…. शहर में कचरे का डंपिंग नहीं होने से प्रदूषण हुआ कम

हृदेश केसरी@बिलासपुर। नगर निगम के द्वारा शहर के घरों से कचरा से खाद्य का निर्माण किया जा रहा है। सेंदरी क्षेत्र के कछार में 25 एकड़ भूमि में कचरा से खाद बनाने का प्लांट लगाया गया है। निगम प्रशासन ने कचरा कलेक्शन और खाद बनाने के लिए एमएसडब्ल्यू कंपनी हैदराबाद को काम दिया है। पूरा खर्चा प्लांट लगाने का कचरा कलेक्शन के लिए शहर में 73 गाड़ी घूम रही है। सुबह 6 बजे से रात 9  बजे तक कचरा कलेक्शन किया जाता है। प्रतिदिन 200 टन कचरे का कलेक्शन कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। 

कचरा कनेक्शन के लिए निगम प्रशासन को कर रही 10 लाख रुपए का भुगतान

कचरा कनेक्शन के लिए निगम प्रशासन कंपनी को प्रति महीने एक करोड़ 10 लाख रुपए का भुगतान करती है कचरे से 15% प्रतिदिन खाद बनाया जाता है। पॉलिथीन को सीमेंट फैक्ट्री को बेचा जाता है। कंपनी के द्वारा खाद्य की सप्लाई कंपनी के द्वारा बेचा जाता है ऑर्गेनिक खाद का निर्माण किया जा रहा है। किसानों को भी बेचा जा रहा है और फर्टिलाइजर कंपनी को भी बेचा जा रहा है। 15 साल का अनुबंध निगम प्रशासन ने कंपनी से किया है। 

कम्पनी को शहर में काम करते हुए 6 साल होने जा रहा

कंपनी को शहर में काम करते हुए 6 साल होने जा रहा है। लेकिन शहर में कचरा का कोई भी डंपिंग क्षेत्र नहीं है। कचरा सीधे प्लांट में जा रहा है और खाद बनाकर निकल रहा है l शहर में कचरे का कोई भी डंपिंग नहीं होने से प्रदूषण का मसला खत्म हो गया है, जबकि पहले कचरा डंपिंग के कारण शहर में प्रदूषण हवा के माध्यम से लोगों को नुकसान पहुंचा रहा था। निगम प्रशासन का कचरा से खाद बनाने का पीपीपी मॉडल के तहत किया जा रहा है कचरे का कलेक्शन के लिए निगम प्रशासन घरों से भी प्रति महीने कम शुल्क लिया जा रहा है ।

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