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RCB जश्न में भगदड़ पर कर्नाटक CM-डीप्टी CM के खिलाफ शिकायत, भाजपा ने इस्तीफे की मांग की

दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ बुधवार को बेंगलुरु के कब्बन पार्क थाने में सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली रात रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली बार IPL जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ में दोनों नेताओं समेत बीसीसीआई के पदाधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। स्नेहमयी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 106 (गैरजानकारी में उपद्रव रोकने में विफलता) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। भाजपा ने भी इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफा देने की मांग की है।

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में जुटी उत्साही भीड़ में शाम करीब 6:30 बजे भगदड़ मच गई, जिससे 11 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। तत्कालीन चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार मृतकों में पांच महिलाएं और छह पुरुष थे, जिनकी आयु 13 से 33 वर्ष के बीच बताई गई। सिर, रीढ़ और पेट में गंभीर चोटें आने से उनकी मृत्यु हुई। चश्मदीदों का कहना है कि जब भीड़ नारियल पानी और पोस्टर लिए खचाखच हो गई, तो कई लोग दब गए और उठ नहीं पाए। एंबुलेंस मौके पर देर से पहुंची, इसलिए लोग सड़क पर ही घायलों को सीपीआर देने लगे।

घटना के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मैं इस घटना का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन देश में पहले भी कई बड़े हादसे हुए हैं, जैसे कुंभ मेले में 50-60 लोग मरे। इसका मतलब यह नहीं कि हम जिम्मेदारी से बच सकते हैं।” हालांकि उनके इस बयान को भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने असंवेदनशील करार दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते सुरक्षा इंतजाम नहीं किए, इसलिए हजारों लोग बिना पास के स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक लापरवाही नहीं दिखाई होती, तो इस तरह की त्रासदी रोकी जा सकती थी।

भाजपा ने मांगा इस्तीफा

भाजपा ने मांग की है कि सिद्धारमैया एवं डी.के. शिवकुमार तत्काल पदत्याग करें और घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। वहीं राज्य सरकार ने जांच का आदेश देते हुए आईजीपी को स्थिति की रिपोर्ट सौंपने को कहा है। लोकल प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए नए मानदंड तैयार करने की बात कही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।

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