मुआवजा घोटाला: अफसरों और दलालों ने हड़पे करोड़ों, किसानों को केवल 30 लाख तक मुआवजा

रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर के पास के अभनपुर के गांवों में मुआवजा घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। शासन की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि अफसरों और भूमि दलालों ने मिलकर किसानों को गुमराह किया और गलत तरीके से करोड़ों की रकम हड़प ली।
इस घोटाले में केवल चार किसानों के मुआवजे की जांच से पता चला कि किसानों को निर्धारित दर के हिसाब से केवल 11 लाख से 30 लाख रुपये मुआवजा दिया गया, जबकि अफसरों और दलालों ने 48 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़प ली।
क्या है घोटाले का पूरा मामला
रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के खाते में केवल मुआवजे की रकम ट्रांसफर की गई थी, लेकिन बाद में यह रकम भूमि दलालों ने निकाल ली। इन दलालों ने किसान के खातों से एक से दो करोड़ रुपये कैश में निकाले, जो बैंक के अफसरों की मिलीभगत से हुआ।
किसानों को तो कम मुआवजा मिला, लेकिन उनके नाम से बनाए गए जॉइंट अकाउंट से करोड़ों रुपये निकाल लिए गए। इन किसानों के खातों से बिना उनकी जानकारी के पैसे निकालने का काम किया गया, जिससे अफसरों और बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत की पुष्टि हुई।
किसानों की जमीन का गलत बटवारा
अफसरों ने किसानों की जमीन का बटवारा कर के मुआवजे की राशि बढ़ा दी। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ किसानों की जमीन को एक से ज्यादा हिस्सों में बांट कर मुआवजे की राशि में हेरफेर की गई।
घोटाले में शामिल अफसर
इस घोटाले में अब तक छह अफसरों को सस्पेंड किया जा चुका है। इनमें नायब तहसीलदार और पटवारी शामिल हैं। जांच में पाया गया कि तत्कालीन अफसरों ने गलत तरीके से किसानों को गुमराह किया और मुआवजा बढ़ाने के लिए उनके नाम पर जॉइंट अकाउंट खोल दिए। घोटाले में बैंक अफसरों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने बिना सवाल किए एक से दो करोड़ रुपये किसान के खातों से निकालने में मदद की। इस पूरे घोटाले की जांच अब और भी गहराई से की जा रही है और जल्द ही सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।