रायगढ़

Youtube पर वीडियो देखकर कॉलेज छात्रा बनी शातिर ठग, पुलिस ने किया चौकाने वाला खुलासा

नितिन@रायगढ़। मोबाइल और इंटरनेट में उपलब्ध वीडियो को देखकर स्कूल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं किस तरह के शातिर अपराधी बन सकते हैं, इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है।

ऐसे ही एक चौका देने वाले मामले को सुलझाने में सफल हुए चक्रधरनगर थाना प्रभारी अभिनव कांत सिंह और उनकी टीम ने मामले में आरोपित 20 वर्षीय युवती को गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक यू-ट्यूब में वीडियो देखकर अपने मामा के खाते से करीब पौने चार लाख रुपये उड़ाने वाली तमनार बाजार पारा निवासी 20 वर्षीय कालेज छात्रा प्रभासी बैरागी को थाना चक्रध्रनगर पुलिस ने तमनार में उसके घर से गिरफ्तार कर थाना चक्रधरनगर ले आई है।

मामले में प्रार्थी युवती का माँमा वेणुधर दास वैष्णव (जो pwd कर्मचारी है) ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका मोबाइल घर से ही चोरी हो गया है। मोबाइल में जो सिम है वह उसके बैंक खाते से जुड़ा हुआ है।

मामले की जांच थाना चक्रधरनगर प्रभारी के दिशा-निर्देश में प्रधान आरक्षक सतीश पाठक ने की और उन्होंने प्रारम्भिक जाँच में ही जो पाया वह चौका देने वाले था। गुम मोबाइल के सिम का उपयोग कर यूपीआई जनरेट किया गया था और उस यूपीआई से 3,53,776 रुपए उड़ा दिए गए थे। प्रार्थी ने जब बैंक स्टेटमेंट लाकर पुलिस को दिया तो पुलिस ने जांच में पाया कि गुम मोबाइल के सिम का उपयोग कर विभिन्न खाते में साढ़े तीन लाख रु की हेराफेरी की गई है। इस दौरान आरोपिता ने यूपीआईपिन के माध्यम से नेतनागर निवासी अपने मित्र हितेश के खाते में 30 हजार और 10 हजार रु दो बार ट्रांसफर किए हैं। हस्तांरित राशि में रकम प्राप्त कर्ता का मोबाइल नमंबर प्रदर्शित हो रहा था। प्रस्तुत नंबर में कॉल कर प्रधान आरक्षक सतीश पाठक ने युवक से जानकारी हासिल की तो पाया कि युवक ने तमनार निवासी अपने मित्र युवती प्रभासी बैरागी से पैसों की जरूरत पड़ने पर 40 हजार रु उधर लिया था। बाद में उसने रुपये वापस भी कर दिए थे ।

युवक से मिली जानकारी के आधार पर प्रार्थी से पुनः पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके घर मे उसके अलावा उसकी बहन और भांजी प्रभासी रहती थी। वह यहां रहकर b a फाइनल की पढ़ाई कर रही थी। इसके बाद पुलिस प्रार्थी को साथ लेकर तमनार गई। जहां आरोपिता से पुछताछ करने पर उसने घटना करना स्वीकार किया और उसने बताया कि किस तरह से उसने अपने मामा के मोबाइल से सिम को हासिल किया। फिर उसका प्रयोग कर यू ट्यूब में वीडियो देखते हुए पहले यूपीआई डाउनलोड किया। जिसके बाद बैंक से अथेराइज्ड इसी सिम का की सहायता से आरोपिता प्रभासी ने अपने मित्र और अपनी मां के खाते में साढ़े तीन लाख रु की रकम सफलता पूर्वक ट्रांसफर किया। जिसे आरोपिता ने उनके खाते से निकाल कर ठगी गई रकम प्राप्त कर खर्च कर दिया था। पुलिस ने रिमांड में ले कर जेल भेज दिया था।

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