MBBS पीजी एडमिशन प्रक्रिया को रद्द; कोर्ट ने कहा ये विभाग की गलती, दोबारा हो काउंसलिंग

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में MBBS पीजी एडमिशन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वो इस प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करें और फिर से काउंसलिंग कराई जाए। 

इस मामले में 3 साल की सेवा पूरी करने के नियमों को नजरअंदाज करने के आरोप लगे थे। डॉ. यशवंत राव और डॉ. पी राजशेखर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि काउंसलिंग के दौरान अपात्र उम्मीदवारों को सेवारत श्रेणी का लाभ दिया गया। इसके अलावा, सेवा अवधि की गणना भी कटऑफ तारीख से आगे बढ़ा दी गई, जिससे कुछ अयोग्य उम्मीदवारों को भी पात्र मान लिया गया।

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह पाया कि एक निजी उम्मीदवार को कटऑफ तारीख के बाद सीट आवंटित की गई थी, जो नियमों का उल्लंघन था। महाधिवक्ता ने भी इस गड़बड़ी को स्वीकार किया, जिसके बाद कोर्ट ने स्ट्रे राउंड की काउंसलिंग पर रोक लगा दी। कोर्ट ने अब राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि वह इस पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से संचालित करें और दोबारा काउंसलिंग कराए। इस फैसले से सभी प्रभावित छात्रों को लाभ मिलेगा।

विभाग की लापरवाही

याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विभाग के अफसरों से गड़बड़ी की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विभाग के अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी करते हुए एक निजी उम्मीदवार को सेवारत श्रेणी में प्रमाणित किया था। अब, हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में दोबारा काउंसलिंग कराई जाएगी।

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