रायपुर। छत्तीसगढ़ कोल स्कैम केस में रायपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने EOW-ACB के डायरेक्टर अमरेश मिश्रा, एएसपी चंद्रेश ठाकुर और डीएसपी राहुल शर्मा को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि आखिर आरोपी निखिल चंद्राकर का पहले से टाइप्ड बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराने की बजाय सीधे क्यों पेश किया गया।
यह विवाद उस वक्त उठा जब रायपुर की स्पेशल कोर्ट में मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी की जमानत पर सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान EOW की ओर से एक दस्तावेज पेश किया गया, जिसमें निखिल चंद्राकर का बयान पहले से टाइप किया हुआ था। बचाव पक्ष के वकीलों ने इसे “फर्जी और तैयार किया गया बयान” बताया।
शिकायतकर्ता गिरीश देवांगन ने आरोप लगाया कि यह बयान कोर्ट में नहीं बल्कि बाहर तैयार कर पेनड्राइव से जमा कराया गया। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में इस्तेमाल फॉन्ट और भाषा अदालत की प्रणाली से मेल नहीं खाती, जिससे यह स्पष्ट होता है कि EOW/ACB ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया।
देवांगन की शिकायत पर कोर्ट ने तीनों अधिकारियों से जवाब मांगा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि “अब क्या जांच एजेंसियां झूठे बयान और सबूत खुद बनाने लगी हैं? क्या किसी को फंसाने के लिए सुपारी ली जा रही है?”
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह न्यायिक प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन होगा और जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा। मामला अब न्यायपालिका की सख्त निगरानी में है।