सरगुजा में कोल माइंस विस्तार विरोध, पुलिस-ग्रामीण झड़प, 25 पुलिसकर्मी घायल

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विस्तार को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। परसोढ़ी और परसोडीकला गांव के ग्रामीण अपनी जमीन देने से इंकार कर रहे हैं।
बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी लगभग 500 पुलिसकर्मियों के साथ जमीन अधिग्रहण के लिए पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थर और गुलेल से हमला किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। झड़प में ASP अमोलक सिंह, SDOP और धौरपुर थाना प्रभारी अश्वनी सिंह सहित 25 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि 12 से अधिक ग्रामीणों को चोटें आईं। थाना प्रभारी अश्वनी सिंह को गंभीर चोट के कारण अंबिकापुर रेफर किया गया।
SECL के अनुसार, परसोडीकला के ग्रामीणों को अब तक लगभग 10 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है। जिला R&R समिति की सहमति से रोजगार भी प्रदान किया गया। लेकिन जैसे ही खनन परसोडीकला की ओर बढ़ा, कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों को उकसाया। ग्रामीणों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है और मुआवजा प्राप्त न होने के कारण वे जमीन देने को तैयार नहीं हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इस घटना को ‘गुजरात मॉडल’ बताया और लिखा कि स्थानीय लोगों के रोजगार और संसाधनों को नजरअंदाज किया जा रहा है। कांग्रेस ने भी कहा कि यह सरकार की सोच का आइना है, जिसमें आदिवासी अपनी जमीन और भविष्य बचाने के लिए खड़े हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही।
अपर कलेक्टर सुनील नायक ने बताया कि भू-अर्जन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है और ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है। SECL का कहना है कि संचालन जारी रखने के लिए अनुमति आवश्यक है। 2019 में भी खनन कार्य को ग्रामीण विरोध और असामाजिक तत्वों के उकसावे के कारण बंद करना पड़ा था।
स्थिति को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन और SECL अधिकारी ग्रामीणों से बातचीत कर स्थिति शांत करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है।





