सीएम साय की क्लास में अफसरों को निर्देश शासकीय कामकाज में लाए पारदर्शिता, 1 दिसंबर से बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की मैराथन बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को टीम भावना और विभागीय समन्वय के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए पूंजीगत व्यय में तेजी और शासकीय कामकाज में पारदर्शिता जरूरी है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बेहतर परफ़ॉर्म करने वाले अधिकारियों की सराहना की और कहा कि सभी अधिकारी स्व-मूल्यांकन करते हुए कार्यशैली में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से शासन के कामकाज में पारदर्शिता आई है और दिसंबर 2025 तक शेष विभागों में इसे लागू करना अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़कों के सुधार और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि आवागमन सुगम हो। साथ ही जेम पोर्टल से होने वाली शासकीय खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पूंजीगत व्यय को दीर्घकालिक विकास की नींव बताते हुए कम प्रगति वाले विभागों को गति लाने के निर्देश दिए।
प्रदेश के रजत जयंती वर्ष को “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष बजट में 18 प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है, इसलिए कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया में विलंब न हो। बरसात समाप्त होने के बाद अगले दो माह का उपयोग निर्माण कार्यों को गति देने में करना होगा।
जनता की समस्याओं के समाधान को लेकर उन्होंने अधिकारियों को संवेदनशील बनने और धैर्य से सुनने की नसीहत दी। साथ ही हर दो माह में जिलों का दौरा कर योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। मंत्रालय में कामकाज की कसावट के लिए 1 दिसंबर से उप सचिव स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों तक बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू होगी। बैठक में मुख्य सचिव विकास शील समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।