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सीएम साय ने ‘पंडुम कैफे’ का किया शुभारंभ, नक्सल उन्मूलन की दिशा में सकारात्मक बदलाव का प्रेरक प्रतीक

जगदलपुर। जगदलपुर में सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास को नई दिशा देने वाली राज्य सरकार की महत्वपूर्ण पहल ‘पंडुम कैफे’ का शुभारंभ किया।

पुलिस लाइन परिसर में स्थापित यह कैफ़े उन लोगों के लिए उम्मीद और सम्मान का नया द्वार है, जिन्होंने नक्सली हिंसा से प्रभावित होकर या सक्रिय जीवन छोड़कर मुख्यधारा को अपनाया है। मुख्यमंत्री ने इसे बस्तर में नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन का प्रेरक प्रतीक बताया।

मुख्यमंत्री साय ने कैफे में कार्यरत फगनी, पुष्पा ठाकुर, बीरेंद्र ठाकुर, आशमती और प्रेमिला बघेल से बातचीत की और उनकी नई शुरुआत को साहसिक कदम बताते हुए हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पंडुम कैफ़े आशा, प्रगति और शांति का उज्ज्वल प्रतीक है, जहाँ हिंसा का मार्ग छोड़ चुके युवा अब सम्मानजनक रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

कैफे में कार्यरत युवाओं को जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा आतिथ्य सेवाओं, कैफे प्रबंधन, ग्राहक सेवा, स्वच्छता मानकों, खाद्य सुरक्षा और उद्यमिता से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। कई पूर्व माओवादी कैडरों ने इस पहल को अपने जीवन का “नया जन्म” बताते हुए भावुक अनुभव साझा किए। एक महिला सहयोगी ने कहा, “पहले सम्मानजनक जीवन की कल्पना भी नहीं थी, आज अपने परिवार का भविष्य संवारने का अवसर मिला है।”

एक अन्य सदस्य ने कहा कि प्रशासन और समुदाय के सहयोग ने उन्हें नया विश्वास दिया है। “अब हम शांति स्थापित करने की राह में समाज के साथ हैं।” ‘पंडुम’ नाम बस्तर की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है, जबकि टैगलाइन “जहाँ हर कप एक कहानी कहता है” संघर्ष से सहयोग तक की यात्रा को दर्शाती है। कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, सांसद महेश कश्यप सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।

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