सीएम साय पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में हुए शामिल

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में शामिल होकर कलाकारों और जनता को संबोधित किया।
उन्होंने पंडवानी को छत्तीसगढ़ की अमूल्य धरोहर बताया और कहा कि यह लोक कला न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक चेतना का प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने कलाकार स्वर्गीय झाड़ूराम देवांगन और लक्ष्मी बंजारे की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने तीजन बाई और पद्मश्री डॉ. उषा बारले जैसे पंडवानी कलाकारों की सफलता और योगदान को सराहा। सीएम साय ने कहा कि पंडवानी गायन में स्त्री-पुरुष का कोई भेद नहीं है और यह विधा महिलाओं की प्रतिभा और संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, अन्य विधायकों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री ने घोषणाएं करते हुए कहा कि नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी में स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू की जाएंगी, अछोटी में बीएड महाविद्यालय खोला जाएगा, और मेड़ेसरा को आदर्श ग्राम बनाया जाएगा।
इसके अलावा समुदायिक भवन हेतु 20 लाख रुपये और सभी पंचायतों में सीसी रोड निर्माण की भी घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में 5000 नए पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, जिससे ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में पंडवानी कलाकारों का अभिनंदन किया और 1 नवंबर को होने वाले राज्योत्सव में सभी को रायपुर आमंत्रित किया। कार्यक्रम की संयोजक पद्मश्री डॉ. उषा बारले ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस और महासम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण, पंडवानी कलाकार और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री साय ने कलाकारों के योगदान की सराहना की और पंडवानी की परंपरा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प दोहराया।





