उत्तराखंड धराली में बादल फटने से तबाही, 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर 1:45 बजे बादल फटने से भीषण तबाही मच गई। महज 34 सेकंड में गांव का बाजार, मकान, होटल और सेना का कैंप मलबे में समा गया। घटना में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग, जिनमें 8-10 जवान भी शामिल हैं, लापता हैं।
धराली के अलावा हर्षिल और सुक्की में भी बादल फटने की घटनाएं हुईं। SDRF, NDRF, ITBP और आर्मी की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं और अब तक 130 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, खीर गंगा नदी का बहाव अचानक तीन गुना बढ़ गया और घर, कार, टावर सब बह गए।
धराली आपदा क्षेत्र हिमालय के अत्यंत संवेदनशील मेन सेंट्रल थ्रस्ट जोन में आता है। पिछले 10 साल में यहां यह तीसरी बड़ी तबाही है, लेकिन गांव को शिफ्ट नहीं किया गया। आपदा में 1500 साल पुराना कल्प केदार महादेव मंदिर भी मलबे में दब गया, जो स्थानीय आस्था का प्रमुख केंद्र था।
आपदा के बाद क्षेत्र में 30 फीट तक मलबा जमा हो गया है। रास्ते अवरुद्ध हैं और कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
धराली, गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर है और गंगोत्री यात्रा का प्रमुख पड़ाव माना जाता है। फिलहाल प्रशासन नुकसान का आकलन कर रहा है और लापता लोगों की तलाश जारी है। इस त्रासदी ने एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।