
रविकांत तिवारी@गरियाबंद। बरबाहली हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ ही ग्रामीणों ने आज सुबह मुख्य सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.. स्कूली बच्चों ने शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर आरोप लगाया कि महीने भर से उनके शाला में मात्र एक ही शिक्षक है.. वहीं एकल शिक्षकीय शाला होने की जानकारी ग्रामीणों के द्वारा शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को दी जा चुकी है.. महीने भर बीतने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया… ऐसे में मजबूरीवश आज सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.. वहीं बच्चों के प्रदर्शन की खबर मिलने के बाद बीईओ देवनाथ बघेल भी सुबह धरनास्थल पर पहुँच गए थे.. उन्होंने धरनास्थल पर पहुँचकर बच्चों के साथ ही ग्रामीणों को भी समझाईश दी.. बच्चों ने बीईओ को बताया कि शिक्षक नहीं होने से उनकी पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही है… वहीं ग्रामीणों ने बीईओ को बताया कि एकल शिक्षकीय शाला होने के चलते पढ़ाई पिछले एक महीने से बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है.. ग्रामीणों ने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा.. जिसका जिम्मेदार शिक्षा विभाग होगा.. वहीं मौक़े पर पहुँचे बीईओ से बच्चों ने भी शिक्षक को लेकर सवाल करना शुरू किया.. बच्चों ने कहा कि स्कूल में गणित के शिक्षक भी महीने भर से नहीं है.. इस पर बीईओ ने कहा कि गणित के शिक्षक भी जल्द ही आ जाएंगे.. वहीं सोमवार तक एक शिक्षक के ज्वाइन करने के बीईओ के आश्वासन के बाद बच्चों और ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया…
सोमवार तक शिक्षक नहीं आये.. तो मंगलवार से फिर होगा धरना प्रदर्शन -: बरबाहली के भागीरथी यदु,पुनीत राम सिन्हा,जयसिंह यादव ने कहा कि आज का धरना प्रदर्शन बीईओ के आश्वासन के बाद समाप्त किया गया है.. ग्रामीणों ने कहा कि यदि बीईओ के आश्वासन के मुताबिक सोमवार तक शिक्षक स्कूल ज्वाइन नहीं करेगा.. तो मंगलवार से पुनः इसी तरह सड़क पर उतरकर बड़ा प्रदर्शन किया जायेगा.. जिसका जिम्मेदार शिक्षा विभाग होगा..
80 छात्र-छात्राओं के पढ़ाई की जिम्मेदारी एक शिक्षक के कंधे पर-: गॉव के भागीरथी यदु ने बताया कि महीने भर से हाईस्कूल के 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की जिम्मेदारी एक ही शिक्षक के कंधे पर है.. ग्रामीणों के मुताबिक एक शिक्षक के द्वारा पुरे विषय की पढ़ाई करवा पाना असंभव है..वहीं पढ़ाई नहीं होने से बच्चे भी बहुत ज्यादा परेशान है.. उन्हें भी चिंता सता रहा है कि कही उनका भविष्य ख़राब ना हो जाये.. इसी के चलते ही मजबूरीवश आज प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा.. तब जाकर शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की नींद खुली…