मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में दिखाई सख्ती, कहा – “जनहित में लापरवाही बर्दाश्त नहीं”

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित योजनाओं पर जोर दिया गया। लगभग 9 घंटे चली मैराथन बैठक में सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य एवं केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से अंतिम लाभार्थियों तक पहुँचना ही सुशासन है और इसमें किसी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हो और इसमें कोई गड़बड़ी न हो। प्रत्येक धान खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग अनिवार्य होगी। संवेदनशील केंद्रों में विशेष निगरानी और अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में सतर्कता बरती जाएगी। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से निगरानी तेज की जाएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लाभ अधिक से अधिक पात्रों तक पहुंचें, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

स्वास्थ्य क्षेत्र में शत प्रतिशत प्रसव और टीकाकरण सुनिश्चित करने, मैटरनल डेथ ऑडिट कराने और वेलनेस सेंटरों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए। बस्तर संभाग में मलेरिया हॉटस्पॉट की पहचान कर विशेष अभियान चलाने और “मलेरिया-मुक्त राज्य” बनाने का लक्ष्य पूरा करने पर जोर दिया गया।

शिक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने ड्रॉपआउट शून्य करने और GER 100% करने का लक्ष्य दोहराया। बीजापुर जिले के नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि गोंडी भाषा में पढ़ाई से बच्चों की उपस्थिति बढ़ी और ड्रॉपआउट घटा। सभी विद्यार्थियों का आधार-बेस्ड APAR ID 31 दिसंबर तक बनाकर पंजीयन पूरा किया जाएगा। इसी माध्यम से छात्रवृत्ति, गणवेश और किताबें वितरित की जाएंगी। “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” के तहत स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को फील्ड निरीक्षण, नियमित मॉनिटरिंग और समय-सीमा में भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को युवाओं के रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए समयबद्ध प्रशिक्षण और लोन मेले आयोजित करने के लिए कहा गया।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने आदि कर्मयोगी अभियान में प्रदेश की उपलब्धि की सराहना की। 128 विकासखंडों के 6,650 गांवों में 1.33 लाख वालेंटियरों के माध्यम से जनजातीय हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने सभी विभागों को समन्वय से योजनाओं का 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक के समापन पर अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों और जनता के बीच उनकी संवेदनशीलता ही प्रशासन की पहचान है। सुशासन वही है जिसमें योजनाओं का वास्तविक लाभ और जवाबदेही सुनिश्चित हो।

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