मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को दिया स्पष्ट संदेश: योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचे

राजनांदगांव। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के अंतर्गत जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को जनता से जुड़ाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का समग्र विकास तभी संभव है, जब कमिश्नर, कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से क्षेत्रीय भ्रमण और प्रवास करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्व न्यायालयों का समयबद्ध संचालन और पूर्वनिर्धारित कैलेंडर का पालन अनिवार्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं की सफलता कागजों पर नहीं, बल्कि आम नागरिक के चेहरे पर संतोष और सुरक्षा की भावना से मापी जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे गांवों में रहकर न केवल योजनाओं की प्रगति की निगरानी करें, बल्कि स्थानीय समस्याओं का तुरंत समाधान भी करें। इसके लिए शिविरों का आयोजन कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों की संयुक्त समीक्षा में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य, आवास, खाद-बीज और डिजिटल सेवाओं से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना की लंबित मांगों का समाधान प्राथमिकता से हो। साथ ही, किसानों के लिए खरीफ सीजन की पूर्व तैयारी कर खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि राज्य में 1460 पंचायतों में अटल सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है, जिससे ग्रामीणों को डिजिटल सेवाएं सुलभ हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को इन केंद्रों के प्रभावी संचालन का दायित्व सौंपा। इसके साथ ही, प्रदेश की सभी पंचायतों में तिरंगा यात्रा आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया है, जिससे राष्ट्रीय चेतना और जनभागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय सहित अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने सभी से समर्पण और सेवा भाव के साथ कार्य कर विकसित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने का आह्वान किया।

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