लाला जगदलपुरी की जयंती पर मुख्यमंत्री साय ने दी श्रद्धांजलि, साहित्यिक योगदान को किया नमन

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के महान साहित्यकार लाला जगदलपुरी की जयंती (17 दिसंबर) के अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाला जगदलपुरी ने अपने साहित्य के माध्यम से बस्तर की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और लोकजीवन को देशभर में विशिष्ट पहचान दिलाई। उनका योगदान केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने बस्तर की आत्मा और संवेदनाओं को शब्दों में जीवंत किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लाला जगदलपुरी का रचनात्मक संसार हिन्दी के साथ-साथ हल्बी, भतरी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं में फैला हुआ है। इन भाषाओं में किया गया उनका सृजन बस्तर के सामाजिक जीवन, परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का सशक्त दस्तावेज है। उनके लेखन से बस्तर को समझने और महसूस करने का अवसर मिलता है।
उन्होंने कहा कि “बस्तर : इतिहास एवं संस्कृति” और “बस्तर की लोक कथाएँ” जैसी महत्वपूर्ण कृतियाँ बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिए आज भी संदर्भ ग्रंथ के रूप में उपयोगी हैं। ये रचनाएँ नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने और क्षेत्रीय संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रेरित करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. सुन्दरलाल शर्मा आंचलिक साहित्य अलंकरण से सम्मानित लाला जगदलपुरी जी की साहित्यिक विरासत छत्तीसगढ़ की अमूल्य धरोहर है। उनका जीवन और कृतित्व आने वाली पीढ़ियों को संस्कृति, साहित्य और लोक परंपराओं के संरक्षण की प्रेरणा देता रहेगा।





