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छत्तीसगढ़ में 36.47 करोड़ की आयुर्वेदिक इकाई का मुख्यमंत्री साय ने किया लोकार्पण, वनवासियों को मिलेगा फायदा

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जामगांव (एम) में छत्तीसगढ़ की पहली आधुनिक आयुर्वेदिक औषधि प्रसंस्करण इकाई और केंद्रीय भंडार गृह का लोकार्पण किया। यह इकाई 27.87 एकड़ क्षेत्र में 36.47 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह इकाई ‘फॉरेस्ट टू फार्मेसी’ मॉडल को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इससे बस्तर और अन्य वन क्षेत्रों के वनवासियों को सीधा लाभ मिलेगा क्योंकि जंगलों से मिलने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों को यहां वैज्ञानिक तरीके से प्रोसेस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन नई हर्बल इकाइयों से करीब 2,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी माँ के नाम पर एक पौधा लगाना और उसका संरक्षण करना चाहिए।

वन मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र जंगलों से ढका है और यहां 67 तरह की वनोपज इकट्ठी की जाती हैं। अब इनका प्रसंस्करण और विपणन और आसान होगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘चरण पादुका योजना’ के तहत हितग्राही महिलाओं को अपने हाथों से चरण पादुका पहनाकर सम्मानित किया। यह योजना पूर्व सरकार में बंद हो गई थी, जिसे फिर से शुरू किया गया है।

यह इकाई सालाना 50 करोड़ रुपये के आयुर्वेदिक उत्पाद तैयार करेगी, जैसे चूर्ण, सिरप, तेल और टैबलेट। इससे छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। परियोजना से महिलाओं और युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इस कार्यक्रम में सांसद विजय बघेल, विधायकगण, कई वरिष्ठ अधिकारी और महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

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