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छत्तीसगढ़ के पंडी राम मंडावी को पद्मश्री सम्मान: बस्तर बांसुरी और शिल्पकला में योगदान के लिए मिला सम्मान

रायपुर। राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में मंगलवार को दूसरे चरण के पद्म पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के नामचीन कलाकार पंडी राम मंडावी को उनके पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और शिल्पकला क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह घोषणा गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले 25 जनवरी को हो चुकी थी।

पंडी राम मंडावी, जो नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति से ताल्लुक रखते हैं, पिछले पांच दशकों से बस्तर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और लोकप्रिय बनाने में जुटे हैं। उनकी खास पहचान ‘बस्तर बांसुरी’ यानी ‘सुलुर’ के लिए है, जो बस्तर की लोकधरोहर का अहम हिस्सा है। इसके अलावा, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उकेरे गए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के जरिए अपनी कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।

इस समारोह में बिहार की दिवंगत लोक गायिका डॉ. शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण, तथा राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्यों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। सरकार ने इस साल कुल 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है, जिसमें 23 महिलाएं और 10 विदेशी/NRI/PIO/OCI श्रेणी के लोग भी शामिल हैं। 28 अप्रैल को पहले चरण में 71 हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार दिए गए थे।

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