जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में लगातार हो रही बारिश से इंद्रावती नदी उफान पर है और इसी नदी पर स्थित चित्रकोट वाटरफॉल अपनी पूरी खूबसूरती पर नजर आ रहा है। जुलाई के पहले हफ्ते में ही वाटरफॉल का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसका अद्भुत नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
जगदलपुर से करीब 39 किलोमीटर दूर स्थित चित्रकोट जलप्रपात को भारत का ‘नियाग्रा फॉल’ भी कहा जाता है। इसका आकार घोड़े की नाल जैसा है और इंद्रावती नदी का पानी करीब 90 फीट ऊंचाई से गिरता है। गर्मियों में जहां इस प्रपात की सिर्फ 2-3 धाराएं बहती हैं, वहीं बारिश में इसकी धाराएं 7 से भी ज्यादा हो जाती हैं। फिलहाल बारिश के चलते पानी का रंग मटमैला हो गया है, जबकि सामान्य दिनों में यह दूध की धार जैसा सफेद नजर आता है।
चित्रकोट जलप्रपात के नीचे एक छोटी सी गुफा में शिवलिंग स्थित है, जिसका सालभर जलाभिषेक होता रहता है। बारिश में वहां पहुंचना मुश्किल होता है, पर गर्मियों में नाविक पर्यटकों को शिवलिंग तक ले जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस शिवलिंग को किसने और कब स्थापित किया, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
पर्यटक यहां हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। हैदराबाद से जगदलपुर तक हवाई सेवा चालू है, जबकि विशाखापट्टनम-किरंदुल रेलमार्ग और सड़क मार्ग भी उपलब्ध हैं। रायपुर-जगदलपुर की हवाई सेवा फिलहाल बंद है। चित्रकोट जलप्रपात को देखने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर तक माना जाता है। इस बार जुलाई के शुरुआती दिनों में ही वाटरफॉल अपनी अलौकिक छटा बिखेर रहा है, जिससे पर्यटकों की भीड़ बढ़ने लगी है।