खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बड़ी छलांग,2024-25 में 15 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व

राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 25वीं बैठक सम्पन्न, नए प्रोजेक्ट से विकास को नई गति

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खनन क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। न्यू सर्किट हाउस रायपुर में गुरुवार को आयोजित राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 25वीं बैठक (रजत महोत्सव) में वर्ष 2024-25 की उपलब्धियों की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता खनिज सचिव पी. दयानंद ने की। उन्होंने कहा कि “खनिज किसी भी राज्य और देश के सर्वांगीण विकास की रीढ़ हैं।”

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश को खनिज राजस्व के रूप में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो 2023-24 की तुलना में 34% अधिक है। यह उपलब्धि न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है, बल्कि नए निवेश और रोजगार के अवसर भी खोल रही है।

समीक्षा में यह भी सामने आया कि बीते वित्तीय वर्ष में लगभग 2500 मिलियन टन चूनापत्थर और 93 मिलियन टन लौह अयस्क का भंडार आंकलित किया गया। वहीं, 2025-26 में कई रणनीतिक व क्रिटिकल मिनरल्स जैसे लिथियम, टाइटेनियम, नियोबियम और दुर्लभ मृदा धातुओं पर अन्वेषण परियोजनाएं शुरू होंगी।

बैठक में संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म रजत बंसल ने जानकारी दी कि आने वाले सत्र में 11 नई अन्वेषण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें स्ट्रेटजिक मिनरल्स, ग्लूकोनाइट, लेपिडोलाइट, चूनापत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट शामिल हैं।

खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि राज्य में खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना और सतत् अन्वेषण पर फोकस होना चाहिए। उन्होंने एजेंसियों से आपसी समन्वय और आंकड़ों के साझा उपयोग पर जोर दिया।

बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के कई विभागों, जीएसआई, आईबीएम, एनएमडीसी, सीआईएल, वेदांता और अल्ट्राटेक जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम आत्मनिर्भर भारत और प्रदेश के औद्योगिक विकास में निर्णायक साबित होगा।

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