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छगन भुजबल बने महाराष्ट्र के मंत्री, 6 महीने बाद मंत्रिमंडल में मिली जगह

मुंबई। महाराष्ट्र में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंगलवार सुबह राज्य मंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई। भुजबल को यह जिम्मेदारी सरकार बनने के करीब छह महीने बाद मिली है। भुजबल को खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय मिल सकता है, जो पहले धनंजय मुंडे संभाल रहे थे। मुंडे ने मार्च में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था। भुजबल इस मंत्रालय को पहले भी दो बार संभाल चुके हैं।

दिसंबर में नाराज हुए थे भुजबल

पिछले साल दिसंबर में जब महाराष्ट्र सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था, तब भुजबल को जगह नहीं मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा था – “क्या मैं खिलौना हूं?” उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री फडणवीस उन्हें मंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन NCP प्रमुख अजित पवार ने फैसला नहीं लिया।

राज्यसभा की पेशकश ठुकराई

भुजबल ने बताया कि उन्हें राज्यसभा सीट की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उनका कहना था कि पहले उनसे लोकसभा लड़ने को कहा गया, फिर विधानसभा चुनाव लड़वाया गया। अब राज्यसभा सीट की पेशकश कर रहे हैं, जबकि उन्हें जन प्रतिनिधियों के प्रति जवाबदेह रहना है।

मराठा आरक्षण का विरोध बना कारण

भुजबल ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन का विरोध किया था, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है और उन्हें मंत्री पद से बाहर रखने का निर्णय किसका था, यह वे समझने की कोशिश कर रहे हैं।

राजनीतिक अनुभव और OBC नेता की छवि

77 वर्षीय भुजबल महाराष्ट्र के OBC समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। वे इससे पहले उपमुख्यमंत्री और कई बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। नासिक जिले के येवला से विधायक भुजबल का लंबा राजनीतिक करियर रहा है और अब एक बार फिर वे महाराष्ट्र की सत्ता में प्रभावशाली भूमिका में लौट आए हैं।

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