Chhattisgarh: अब हमारा क्या होगा…..कुर्सी परिवर्तन की बयार के बीच अधिकारियों को सताने लगी चिंता….उड़ गई नींद…सताने लगी तबादले की चिंता

रायपुर। (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ में सत्ता के बदलाव की आंधी चल रही हैं। इधर अधिकारियों को तबादले की चिंता सताने लगी हैं। एक ओर दिल्ली में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों ने डेरा जमा रखा हैं, तो इधर ब्यूरोक्रेट को अपनी कुर्सी की चिंता सता रही हैं। आलम यह है कि कहीं सत्ता परिवर्तन की वजह से इनके तबादलों का सिलसिला शुरू ना हो जाए। उनकी रातों की नींद उड़ गई हैं।
छत्तीसगढ़ के सियासयत में खलबली मची हुई हैं। तो आईएएस और आईपीएस भी चैन से नहीं बैठे हैं। (Chhattisgarh) सबसे अधिक चिंता भारतीय प्रशासनिक सेवा के उन अधिकारियों को हैं, जो तत्काल में कलेक्टर और एसपी बने हैं।
(Chhattisgarh) आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राहुल गांधी से मुलाकात हुई। बंद कमरे में प्रियंका और राहुल दोनो मौजूद हैं। इधर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधायकों की टोली कल ही से दिल्ली कूच कर रही हैं। 50 से अधिक विधायक दिल्ली में जाकर बैठे हैं। इससे पहले दो मंत्री समेत 10 विधायक दिल्ली में मौजूद हैं। सूत्रों से जानकारी मिल रही हैं कि टीएस सिंहदेव दिल्ली से तब तक नहीं हटेंगे जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता। 25 अगस्त को मुख्यमंत्री की दिल्ली वापसी के बाद से उनकी बॉडी लैग्वेज बदली-बदली लग रही हैं। ऊपर से तो दिखाया जा रहा है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ हैं। बस छत्तीसगढ़ के विकास की बात हुई हैं, लेकिन मामला कुछ और ही हैं।
ऐसे में अधिकारियों को चिंता तो जरूर सताएगी। 2008 में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। जब भारतीय सेवा के अधिकारियों ने जोगी के बंगले के चक्कर लगाना शुरू कर दिए थे। पर फिलहाल हाईकमान का फैसला क्या होगा? क्या छत्तीसगढ़ में परिवर्तन की बंयार बहेगा…य़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सिर पर ताज रहेगा..ये तो आने वाले कल में पता चलेगा। लेकिन अधिकारियों की चिंता भी मुनासिब हैं…..इन सब की वजह से कही इनकी परेशानी ना बढ़ जाए।