छत्तीसगढ़गरियाबंद

Gariyaband big breaking -: हड़ताल से 3 करोड़ 41 लाख 84 हजार का भुगतान अटका

रवि तिवारी@देवभोग | मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल के चलते जिले में 3 करोड़ 41 लाख 84 हजार का भुगतान अटक गया है | इसके अलावा गॉव में मनरेगा का कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो गया है |

उल्लेखनीय है कि नियमितीकरण समेत रोजगार सहायकों को सम्मानजनक वेतन दिए जाने की मांग को लेकर मनरेगाकर्मी लगभग 52 दिनों से अनिश्चित्कालीन हड़ताल पर है ..वही गरियाबंद जिले में मनरेगा का काम बहुत ज्यादा प्रभावित हो गया है | गौरतलब है कि मजदूरों के द्वारा काम की मांग किये जाने के बाद पंचायतों में काम तो शुरू हो गया लेकिन भुगतान नहीं होने से मजदूरों की समस्या दूर नहीं हुई | काम करने के बाद भी मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिल रही है | इससे बकाया राशि लगातार बढ़ता ही जा रहा है | जिला पंचायत सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2022-23 में मजदूरों का मजदूरी बकाया 39 लाख 84 हजार रूपये पहुंच गया है | जबकि इसके पूर्व वर्ष 2021-22 का मजदूरी बकाया 3 करोड़ 2 लाख रूपये का अब तक भुगतान नहीं हुआ है | इस तरह मनरेगा में करीब 3 करोड़ 41 लाख 84 हजार का भुगतान अटकने से मजदूर परेशान है | बार-बार ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत का चक़्कर काट रहे है, लेकिन नतीजा सिफर रहा | इससे मजदूरों की परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ गईं है |

ज़ब तक माँगे नहीं होंगी पूरी तब तक जारी रहेगा हड़ताल-:

मामले में गरियाबंद मनरेगा संघ की जिलाध्यक्ष रीना धुर्वे ने कहा की ज़ब तक हमारी मांग पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल पर डटे रहेंगे | जिलाध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा कर्मियों के हड़ताल में जाने से मनरेगा का कामकाज बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है | उन्होंने बताया कि जिले में अप्रैल, मई और जून के महीने में हर साल करीब 1 लाख मजदूरों को मनरेगा से रोजगार मिलता था लेकिन आज मात्र 33 हजार मजदूरों को ही काम मिल पा रहा है | रीना ने बताया कि आज मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान नहीं मिल पा रहा है | जिसके चलते वे बहुत ज्यादा परेशान है | जिलाध्यक्ष ने कहा कि इतने साल नौकरी करने के बाद भी हमारी नौकरी का कोई सुरक्षा नहीं है, इतना काम करने के बाद भी यदि छोटी सी भी लापरवाही हो जाये तो सीधा बर्खास्तगी की कार्रवाई कर दी जाती है .. उन्होंने कहा की हमें हमारी नौकरी की सुरक्षा चाहिए | इसी को लेकर ही हम हड़ताल पर डटे हुए है |

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