छत्तीसगढ़ में जैव ईंधन उत्पादन में 3,500 करोड़ का निवेश

सीबीडीए द्वारा बायोफ्यूल एक्सपो और सेमिनार का आयोजन
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जैव ईंधन (बायोफ्यूल) उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से निवेश बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (CBDA) द्वारा राजधानी रायपुर के श्रीराम बिजनेस पार्क में 7 से 9 नवंबर तक आयोजित बायोफ्यूल एंड बायो एनर्जी एक्सपो में इस क्षेत्र की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। सेमिनार में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल रोडमैप विजन 2024-29 प्रस्तुत किया गया।
सीबीडीए के सीईओ सुमित सरकार ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य को बायोफ्यूल उत्पादन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में निजी कंपनियों द्वारा लगभग 3,500 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। गेल और बीपीसीएल जैसी कंपनियां 8 नगर निकायों में एमएसडब्ल्यू/बायोमास आधारित संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित कर रही हैं। वहीं, ओएनजीसी ग्रीन और एचपीसीएल ग्रीन द्वारा सीबीजी उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए स्थानों का सर्वे जारी है।
राज्य में चावल, मक्का और चने के अवशेषों से बायोएथेनॉल और सीबीजी उत्पादन के परीक्षण किए जा रहे हैं। इसके साथ ही कृषि अपशिष्ट से एंजाइम उत्पादन और नए माइक्रोबियल स्ट्रेन के विकास पर भी कार्य चल रहा है। सीबीडीए अब बायोमास आधारित हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है, जिससे सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) का निर्माण किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में अधिशेष चावल को फीडस्टॉक के रूप में उपयोग कर बायोएथेनॉल उत्पादन की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जा चुकी है। एनएसआई कानपुर के सहयोग से दुर्ग जिले के ग्राम गोढ़ी में चुकंदर की खेती पर परीक्षण भी शुरू किया गया है, ताकि इथेनॉल उत्पादन की क्षमता का मूल्यांकन हो सके।
सेमिनार में गेल, बीपीसीएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित कई कंपनियों के विशेषज्ञों ने बायोगैस, पाइपलाइन नेटवर्क, एनोरोबिक कंपोस्टिंग और बायोगैस नीति पर तकनीकी प्रस्तुतियां दीं।





