रायपुर। छत्तीसगढ़ ने जनजातीय सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है। ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ में राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सफलता पर जनजातीय कार्य विभाग और सभी वालेंटियर्स को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राज्य में जनजातीय समुदायों के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
राज्य के 128 विकासखंडों के 6,650 गांवों में 1,33,000 से अधिक वालेंटियर्स (आदि कर्मयोगी) सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। ये वालेंटियर शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, रोजगार और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में जनजातीय परिवारों को सीधा लाभ पहुंचा रहे हैं। इसके माध्यम से अनुसूचित जनजाति समुदायों तक योजनाओं का लाभ पारदर्शी और तेज़ी से पहुंच रहा है।
गौरतलब है कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण और उत्तरदायी शासन को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया एक राष्ट्रीय आंदोलन है। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित यह अभियान देश के 550 आदिवासी बहुल जिलों के एक लाख से अधिक गांवों में चलाया जा रहा है।
अभियान के तहत 20 लाख से अधिक वालेंटियर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में प्रभावी भूमिका निभा सकें। साथ ही, यह पहल पारंपरिक जनजातीय संस्कृति और मूल्यों को संरक्षित रखते हुए आधुनिक विकास की दिशा में सामुदायिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करती है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आदि कर्मयोगी अभियान को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएगी, ताकि हर आदिवासी परिवार तक विकास की रोशनी पहुंचे।