छत्तीसगढ़

Chhattisgarh: धान खरीदी के लिए टोकन वितरण व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखें, मुख्य सचिव ने की धान खरीदी की प्रगति की समीक्षा

रायपुर(Chhattisgarh) मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज बलौदाबाजार, कोरबा, बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, कांकेर, सरगुजा, गरियाबंद, जशपुर और कोरिया जिले के कलेक्टरों से धान खरीदी की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने धान खरीदी के लिए किसानों को दिए जाने वाले टोकन की व्यवस्था में कड़ी निगरानी के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पंजीकृत सभी किसानों के धान की केन्द्रों में सुव्यवस्थित तरीके से खरीदी हो, यह हरहाल में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के द्वारा निर्धारित मात्रा में धान की बिक्री कर दी गई है, उनके रकबा समर्पण की प्रक्रिया भी की जाए। असमय बारिश से धान की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी रखने तथा क्वालिटी अनुसार धान की संग्रहण केन्द्रों में अलग-अलग स्टेकिंग की जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों से धान के अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए सतत् निगरानी के निर्देश दिए गए है। जैन ने चिटफंड कम्पनी संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही में तेजी लाने और उनकी सम्पत्ति का पता लगाने के लिए समस्त संभावित स्त्रोतों का उपयोग करने के निर्देश भी दिए है।

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मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव और मिलिंग के बाद एफसीआई और नॉन में चावल जमा करने की गति में तेजी लाने कहा गया है। जैन ने एफसीआई और नॉन में जमा किए जाने वाले चावल की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देने कहा है। उन्होंने कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंधित मिलर्स की बैठक लेकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी एफसीआई अथवा नॉन में गुणवत्ता मापदंड के अनुसार ही चावल जमा किए जाएं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित किए जा रहे चावल की निर्बाध आपूर्ति के लिए जिलों की आवश्यकता के अनुसार आगामी दो महीनों का चावल नॉन में जमा करने कहा गया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में मुख्य रूप से जिले में पंजीकृत मिलर्स के अनुबंध, उठाव न करने वाली मीले, कस्टम मिलिंग के लिए जारी कार्य आदेश और उठाव, मिलिंग क्षमता अनुसार, मिलिंग का लक्ष्य, एफसीआई और नॉन में जमा चावल, एफसीआई-नॉन में अस्वीकृत लॉट एवं कारण, आगामी खरीदी हेतु बारदाने की आवश्यकता, उपलब्धता संवेदनशील खरीदी केन्द्रों का चिन्हांकन और गतवर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत से अधिक खरीदी वाले केन्द्रों का चिन्हांकन और निगरानी व्यवस्था पर कलेक्टरों द्वारा जानकारी दी गई।

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