Chhattisgarh: झीरम घाटी मामला, सरकार बना लें नया आय़ोग, पहले जो रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है, उसे सार्वजनिक करें, क्यों कि रिपोर्ट में सत्ता में शामिल लोगों का है नाम: बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर। (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच रिपोर्ट आयोग ने राज्यपाल अनुसुईया उइके को सौंप दी है. यह रिपोर्ट राज्यपाल को आयोग के सचिव एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) संतोष कुमार तिवारी ने सौंपी थी.रिपोर्ट कुल 10 वॉल्यूम और 4184 पेज में तैयार की गई है. इधर, राज्यपाल को यह जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद से ही प्रदेश में राजनीति गरमा गई है.
(Chhattisgarh) पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि झीरम कांड मामले में नया जांच आयोग बनाने के संकेतों के बीच पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि किसने रोका है. सरकार बना लें नया आय़ोग. पहले जो रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है, उसे सार्वजनिक किया जाए. उस जांच रिपोर्ट से सरकार डरी हुई है, सहमी हुई है, घबराई हुई है. सुप्रीम कोर्ट का डिसीजन है कि जांच आयोग कोई रिपोर्ट देता है, और सत्ता में शामिल लोग यदि उसमें शामिल है, तो ऐसी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी जानी चाहिए.
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पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में सत्ता में शामिल लोगों का नाम है, इसलिए सरकार जांच रिपोर्ट से डरी-सहमी और घबराई हुई है. घटना के पहले दिन से यह अंदेशा सबको है कि घटना में लिप्त लोग कौन हैं.
(Chhattisgarh) भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने कैसे आज के एक मंत्री पर तब अस्पताल में हाथ उठाया था. यह अखबारों में छपा था. इस पूरी घटना को लेकर जनता के बीच जो संदेह है, वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों को लेकर है. यही वजह है कि सरकार को डर है कि कहीं यह तथ्य जांच रिपोर्ट में शामिल तो नहीं है. यही वजह है कि ऊलजलूल बातें की जा रही है.
उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री, मंत्री और कांग्रेस पार्टी जो बयान दे रही है, यह संवैधानिक व्यवस्था का अपमान है. आयोग के अध्यक्ष, जो अब चीफ जस्टिस बन गए हैं, उनकी रिपोर्ट पर सवाल उठाना न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाने जैसा है. ऐसी गलती डरे हुए लोग ही करते हैं.