रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए लगातार नई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य मजदूरों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारना है। अब तक 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सीधे श्रमिकों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ में मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं रहेगा। राज्य सरकार मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, महतारी जतन योजना, औजार किट योजना, नोनी बाबू मेधावी योजना, आवास सहायता योजना और अन्न योजना जैसे कई कार्यक्रम चला रही है। राज्य सरकार ने श्रम विभाग के लिए 2025-26 में 255 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। अटल श्रम सशक्तिकरण योजना के लिए 125 करोड़ रुपये और पंजीकृत संगठित श्रमिकों को अनुदान देने के लिए 6 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
श्रम मंत्री ने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत 13 जिलों में 31 भोजन केंद्र शुरू किए गए हैं, जिसे अब पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। मजदूरों के पंजीयन के लिए अब तक 4,705 मोबाइल कैंप लगाए गए हैं। राज्य सरकार ने औद्योगिक स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए 6.24 करोड़ और कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के लिए 64.18 करोड़ रुपये का बजट भी रखा है। मजदूर दिवस के मौके पर राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि “हर हाथ को काम, उचित दाम और हर पेट को अन्न” देने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।