Chhattisgarh: बापू के अपमान पर जमकर बरसे सीएम भूपेश बघेल, बोले- ये कालीचरण नहीं गालीचरण है

रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती पर धर्म संसद का आयोजन हुआ. वहां धार्मिक बातें न कर महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी हुई. कालीचरण को किस उद्देश्य से भेजा गया हमको नहीं पता. कालीचरण अचानक प्रकट हुए और गांधी जी को गाली दी और गोडसे की जय जयकार की. तो क्या आज कल गालीचरण ,भाजपा और आरएसएस के लोग उनसे बड़े हो गए हैं. सुभाष बाबू को कौन नहीं जानता. उनके कांग्रेस से वैचारिक मतभेद थे, लेकिन रंगून के रेडियो संदेश में सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा था.
बता दें कि बापू के अपमान पर एक बार फिर सीएम बघेल जमकर बरसे. सीएम बघेल ने कहा कि नफरत फ़ैलाने वाले समाज के लिए कोढ़ हैं. ये कालीचरण नहीं गालीचरण है. गांधी हमारे अभियान कार्यक्रम में सीएम बघेल ने संबोधित किया.
CM ने दिव्यांग पर्वतारोही चित्रसेन साहू को 12.60 लाख रूपए की राशि का चेक किया प्रदान
आज कालीचरण जैसे लोग उनको राष्ट्रपिता मानने से इनकार करते हैं. आइंस्टीन ने कहा था कि आने वाली पीढ़ी को विश्वास करना मुश्किल होगा कि गांधी जैसा हाड़ मांस का कोई व्यक्ति इस दुनिया में आया होगा. छत्तीसगढ़ सरकार गांधी के रास्ते पर चल रही है. गांधी जी के ग्राम सुराज की परिकल्पना को सरकार साकार कर रही है. भाजपा गोडसे के रास्ते पर है. देश के विभाजन की नींव रखने वाले सावरकर थे और हवा देने वाले जिन्ना थे. जिन्ना और सावरकर दोनों नास्तिक थे. एक मुस्लिमों का नेता बन गया दूसरे को हिन्दुओं का नेता बनाया जा रहा है. महात्मा गांधी सच्चे हिन्दू थे. हमारी परंपरा में सभी शामिल होते हैं. दो दिन का धर्म संसद था.
जिसमें धार्मिक बातें होती हैं. हम किसी की आलोचना नहीं करते, सुधार की बात करते हैं. महापुरुषों ने महात्मा गांधी के बारे में क्या कहा वो महत्वपूर्ण है. टैगोर जी के खिलाफ बोलने वाले ये कौन होते हैं.