Chhattisgarh: उरगा और मानिकपुर चौकी में उगाही का मामला, एसपी ने शिकायत सुनते ही बैठाया जांच, दो दिनों में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

कोरबा। थानों में पदस्थ पुलिसकर्मियों पर आम लोगों को पैसे नहीं देने पर झूठे मामलों पर फंसाने की धमकी देकर उगाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं. उरगा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी और मानिकपुर चौकी के प्रधान आरक्षक के खिलाफ एसपी से शिकायत की गई है.  दोनों ही मामलों पर संज्ञान लेते हुए एसपी ने जांच बैठा दी है. कोरबा सीएसपी को जांच अधिकारी बना कर दो दिन में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जारी किया गया है.

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उरगा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी पर उगाही का आरोप

सोमवार को पहली शिकायत मुर्गा थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक अनिल खांडे की गई है. नोनबिर्रा के रहने वाले सरवन कुमान ने एसपी से लिखित शिकायत में कहा कि’ 1 जनवरी को सुबह टहलने के दौरान उरगा थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक अनिल खांडे अपने सहयोगियों के साथ पहुंचे और पूछताछ के लिए थाने चलने को कहा. थाना पहुंचने पर धारा 376 के आरोपी शुभो कंवर के बारे में मुझसे पूछताछ की. मैंने जब इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने की बात कही तो ASI ने गाली गलौज शुरू कर दी. साथ ही कहा कि बचना चाहते हो तो 1 लाख रुपये देना पड़ेगा. डर के कारण मैंने साथी से उधार लेकर 20 हजार रुपये दे दिए. अब ASI बाकी पैसे मांग रहा है नहीं देने पर FIR की धमकी दे रहा है’.

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मानिकपुर चौकी के प्रधान आरक्षक के खिलाफ शिकायत

एसपी को लिखित शिकायत में मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाई है. शिकायती पत्र में लिखा गया है कि ‘हम 3 मजदूर अखिलेश खरे, विकास जांगड़े व सूरज जांगड़े अपने इंपल्स वाहन CG 12 A AG 1073 में सवार होकर दादर से मजदूरी कर अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान रवि शंकर शुक्ल नगर, दादर चौक में स्थित मेडिकल स्टोर के पास विपरीत दिशा से आ रहे बाइक से उनकी टक्कर हो गई. हादसे में बाइक सवार गिर गए. हालांकि थोड़ी देर बाद वे फरार हो गए. घटनास्थल के पास स्थित मेडिकल स्टोर संचालक ने मानिकपुर चौकी पुलिस को फोन कर हादसे की जानकारी दे दी. चौकी से प्रधान आरक्षक संतोष सिंह घटना स्थल पहुंचे और हमें थाने ले गए. गाली गलौज कर मारपीट की और 20 हजार रुपये की मांग करने लगे. साथ ही गाड़ी और मोबाइल जब्त कर लिया. हमने उनके सामने गिड़गिड़ाया, हाथ जोड़े लेकिन वे एक ना सुने. किसा तरह मोबाइल बेचकर पैसे की व्यवस्था करने की बात कहने पर प्रधान आरक्षक माने और मोबाइल फोन वापस दिया. अब प्रधान आरक्षक बार-बार फोन कर पैसों की मांग कर रहे हैं. पैसे नहीं देने पर गाड़ी कोर्ट में पेश करने की बात कह रहे हैं’.

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