कांकेर (उत्तर बस्तर)

Kanker: चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी में धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं, ये हैं मांगे

विनोद साहू @कांकेर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर भीषण गर्मी में अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन नरहरपुर जनपद पंचायत के सामने किया गया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार को चुनाव के पूर्व किया गया वादा याद दिलाया। साथ ही उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर जिला में भी एक दिवसीय आंदोलन पर जाने की बात कही है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के संघ ने आज कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंण्ड  के जनपद पंचायत के सामने एक दिवसीय धरना किया।  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने  कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं क्रियान्वयन करती है। जिसमें कुपोषण में कमी लाना प्रमुख है। जिसके चलते ही छत्तीसगढ़ में कुपोषण दर में कमी आई है। लेकिन कम मानदेय होने के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं कुपोषित हो रही है।

हमें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाने पर शासन से उपचार के लिए कोई राशि नहीं मिलती है। कई वर्ष तक सेवा के बाद भी विभागीय पदोन्नति भी नहीं मिलती है।  महिला एवं बाल विकास परियोजना संघ की ब्लॉक अध्यक्ष  कुमार बत्ती कोडोपी ने कहा कि विधानसभा चुनाव पूर्व कांग्रेस ने कहां की सत्ता में आने के बाद उन्हें दस हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा, लेकिन अब तक उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है। जिसके चलते हमें बार-बार प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो ब्लॉक से जिले में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

6 सूत्रीय मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका का संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन नरहरपुर विकासखंड के जनपद पंचायत के सामने किया गया। जिसमें शासकीय कर्मचारी घोषित किए जाने तक जन घोषणा पत्र लिखे अनुसार कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाए। हड़ताल व बर्खास्त अवधी का मानदेय तत्काल दिया जाए। बढ़े हुए मानदेय के ऐरियास का भुगतान किया जाए। पर्यवेक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाए, जिसमें कार्यकर्ताओं को पदोन्नति किया जाए और आयु सीमा में छूट दी जाए। सेवा समाप्ति के बाद कार्यकर्ताओं को पांच लाख व सहायिका तीन लाख रुपए दिया जाए। मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी किया जाए। पोषण ट्रैकर कार्य के लिए सभी जिलों में नया मोबाइल व मोबाइल भता दिया जाए। जब तक यहां पर जाएं नहीं किया जाता तब तक विभाग के कार्यों को ऑनलाइन करने के लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाए।

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