बेमेतरा में छत्तीसगढ़ बाँस तीर्थ संकल्पना समारोह भव्यता के साथ सम्पन्न

रायपुर। बेमेतरा जिले के ग्राम कठिया में गुरुवार को इतिहास रचते हुए छत्तीसगढ़ बाँस तीर्थ संकल्पना सम्मेलन अद्वितीय भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ।
समारोह की मुख्य पहचान रहा भारत का सबसे ऊँचा 140 फीट बैम्बू टावर, जिस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ध्वजारोहण किया। इस अनोखी संरचना ने न सिर्फ बेमेतरा को राष्ट्रीय आकर्षण का केंद्र बनाया, बल्कि छत्तीसगढ़ की कौशल परंपरा और नवाचार को भी नई पहचान दिलाई।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “यह टावर केवल एक निर्माण नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कारीगरों की मेहनत, ग्रामीण नवाचार और हरित भविष्य का प्रतीक है।” उन्होंने समारोह स्थल पर बनी बाँस उत्पाद इकाइयों, फैक्ट्रियों और प्रोसेसिंग केंद्रों का निरीक्षण किया। वहीं कलाकारों और ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी आजीविका और उत्पादन क्षमता को बेहतर बनाने के सुझाव भी लिए।
मुख्यमंत्री ने बाँस आधारित उद्योगों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था, एग्रो इंडस्ट्री, आधुनिक निर्माण तकनीक और रोजगार सृजन का भविष्य बताते हुए कहा कि राज्य सरकार बड़े पैमाने पर युवाओं और किसानों के लिए अवसर विकसित कर रही है।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने किसानों से आग्रह किया कि बढ़ते जल संकट के बीच बाँस की खेती उनके लिए स्थायी और लाभकारी विकल्प बन सकती है। उन्होंने बताया कि बाँस कम पानी में भी तेजी से बढ़ता है और मिट्टी संरक्षण में मदद करता है। बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी संभव है।
कैबिनेट मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि बेमेतरा जैसे जिलों में जहाँ जल संकट गंभीर है, वहाँ धान के विकल्प के रूप में बाँस की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होगी। इससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होगा।
कार्यक्रम में विधायक दीपेश साहू, कलेक्टर रणबीर शर्मा, एसएसपी रामकृष्ण साहू सहित जनप्रतिनिधि, कारीगर, सरपंच और हजारों ग्रामीण शामिल हुए। समारोह ने बेमेतरा को राष्ट्रीय मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई।



