छत्तीसगढ़ विधानसभा: यौन उत्पीड़न, पुलिस भर्ती घोटाले से गूंजा सदन, मंत्री बोले करवाएंगे जांच

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान भाजपा विधायक भावना बोहरा ने 2018 में रायपुर आयुर्वेदिक कॉलेज में हुए यौन उत्पीड़न के मामले को उठाया। उन्होंने पूछा कि आठ साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

भावना बोहरा ने कहा कि शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जी. आर. चतुर्वेदी पर एक महिला प्रोफेसर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामले की जांच के दौरान विशाखा कमेटी ने जांच शुरू की, लेकिन जांच समिति में शामिल एक सदस्य को हटा दिया गया। जांच में डॉ. चतुर्वेदी को दोषी पाया गया, फिर भी उनका प्रमोशन कर दिया गया। मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि यह घटना दुर्भाग्यजनक है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार 3 दिनों में इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस भर्ती में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठा

वहीं, प्रश्नकाल में पुलिस भर्ती में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठाया गया। खल्लारी से कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव और बिलासपुर में हुई गड़बड़ी में पुलिस अधिकारियों का संलिप्त होना मुमकिन है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि शिकायतों के बाद राजनांदगांव में परीक्षा रद्द कर दी गई है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

भृत्य योगेंद्र पटेल की मौत की जांच की मांग

प्रश्नकाल के दौरान नारायणपुर के भृत्य योगेंद्र पटेल की संदिग्ध मौत का मामला भी गूंजा। विधायक लता उसेंडी ने इस मामले को उठाया और साजिश की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि योगेंद्र की मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम के शव उसके गृह ग्राम भेज दिया गया था। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने एसपी से मामले की जांच कराने की घोषणा की।

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