छत्तीसगढ़ में वन प्रबंधन की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं का अध्ययन करने पहुंचा आईएफएस अधिकारियों का दल

रायपुर। भारतीय वन सेवा के 32 अधिकारियों का एक दल मध्य कैरियर प्रशिक्षण फेज-3 के तहत छत्तीसगढ़ के वन प्रबंधन मॉडल का अध्ययन करने के लिए रायपुर पहुंचा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून द्वारा आयोजित इस अध्ययन यात्रा का उद्देश्य लघु वनोपज प्रबंधन, सामुदायिक वन प्रबंधन और मृदा-नमी संरक्षण की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को समझना समझना है।
रायपुर में अधिकारियों ने अरण्य भवन, नवा रायपुर में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर श्री राव ने सतत वन प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और रणनीतियों को साझा किया। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ वन विभाग की विभिन्न पहलों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज महासंघ के प्रबंध संचालक श्री अनिल कुमार साहू ने लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मॉडल जनजातीय महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बैठक में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू प्रबंध) श्री सुनील कुमार मिश्रा ने मृदा एवं जल संरक्षण योजनाओं पर जानकारी दी, जबकि सीईओ कैम्पा श्री ओ.पी. यादव ने वनों में जलधाराओं के पुनर्जीवन के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संयुक्त वन प्रबंधन) श्री नावेद शुजाउद्दीन ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पर चर्चा की।