Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर बवाल, तीन दिन में 7 लोग गिरफ्तार

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बवाल मच गया है। प्रार्थना सभा के बहाने धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, हिंदू संगठनों से झड़प के बाद कोनी थाना प्रभारी (TI) को सस्पेंड कर दिया गया है। 

पिछले 13 दिनों में बिलासपुर के मस्तूरी, राजेंद्र नगर और कोनी क्षेत्र में धर्मांतरण के 3 मामले सामने आए हैं। इन मामलों में आरोप है कि प्रार्थना सभा के बहाने लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था। मस्तूरी में 4 लोग गिरफ्तार हुए हैं, जबकि राजेंद्र नगर में 3 गिरफ्तारियां की गई हैं। कोनी के मामले में थानेदार को सस्पेंड किया गया है।

मस्तूरी में बवाल

शुक्रवार को मस्तूरी के लावर भोथीडीह गांव में एक घर पर प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी, जहां हिंदू धर्म के लोगों को बाइबिल देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था। इस सूचना पर हिंदू संगठनों के लोग मौके पर पहुंचे और हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 4 लोगों को गिरफ्तार किया।

राजेंद्र नगर में धर्मांतरण का विरोध

राजेंद्र नगर में भी धर्मांतरण का मामला सामने आया। यहां भी प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था, जहां लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। इस पर हिंदू संगठनों ने विरोध किया और पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया।

कोनी में TI सस्पेंड

7 दिन पहले कोनी क्षेत्र के रमतला गांव में भी धर्मांतरण को लेकर बवाल हुआ था। इस दौरान कोनी थाना प्रभारी नवीन देवांगन पर हिंदू संगठनों के साथ बदसलूकी का आरोप लगा। बाद में एसएसपी रजनेश सिंह ने TI को सस्पेंड कर दिया।

धर्मांतरण विरोधी कानून

धर्मांतरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एक सख्त कानून है। अगर किसी व्यक्ति को बल, धोखा या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो वह अवैध माना जाता है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर 2 से 10 साल तक की सजा हो सकती है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। धर्मांतरण के मामलों ने बिलासपुर में तूल पकड़ लिया है, और अब इस मामले में पुलिस और हिंदू संगठनों के बीच विवाद बढ़ गया है। पुलिस की कार्रवाई जारी है, और अब इस मामले की जांच की जा रही है।

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