नई दिल्ली। आज बुद्ध पूर्णिमा है. वैशाख शुक्ल पूर्णिमा सोमवार को विशाखा नक्षत्र व वरीयान योग में वर्ष का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर भगवान बुद्ध का जन्म भी वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण दक्षिण-पश्चिम यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत व हिंद महासागर में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार, चंद्र ग्रहण 16 मई को सुबह 7.02 से आरंभ होकर दोपहर 12.20 बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग पांच घंटे 18 मिनट का होगा।
भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा चंद्र ग्रहण
वैसे तो चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। फिर भी खग्रास चंद्र्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्रों का जाप, भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करना शुभ होगा। ग्रहण के दौरान या बाद में जरूरतमंदों का कपड़े, भोजन आदि कराने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। चंद्र ग्रहण के बाद स्नान कर सफेद वस्तुओं को दान करना शुभ माना जाता है।