CG: शून्य काल में संसदीय सचिवों के अधिकारों पर विपक्ष ने उठाए सवाल, पूछा- जब विधानसभा की कार्रवाई में उनका अधिकार नहीं?…तो सदन की किताबों में आखिर उनका उल्लेख क्यों?…जवाब में मंत्री ने कहा…..

रायपुर। शून्य काल में संसदीय सचिवों के अधिकारों पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। संसदीय सचिव के अधिकारों पर विपक्ष का सवाल कहा जब कई प्रदेशों में संसदीय सचिव बनाना बंद कर दिया गया है। जब विधानसभा की कार्रवाई में उनका अधिकार नहीं है तो सदन की किताबों में उनका उल्लेख क्यों?
मंत्री अकबर ने विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संसदीय सचिव मंत्रियों के सहयोग के लिए हैं। विधानसभा में इसका उल्लेख किया गया था।
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जवाब में विपक्ष असंतुष्ट दिखाई दी। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कहीं नहीं लिखा है कि उनको विभाग दिया जाएगा।
विधानसभा में किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है तो उनकी फोटो सरकारी किताब में छापना गलत है। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आसंदी से व्यवस्था मांगी है। आसंदी ने व्यवस्था का आश्वासन दिया है।
असांदी ने कहा कि विधि मंत्री ने संसदीय सचिव के मामले में स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। इसलिए इस सवाल को अमान्य किया जाता है। विपक्ष विधि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट व्यवस्था पर विपक्ष अड़ा रहा। और हंगामा शुरू हो गया। संसदीय सचिव के अधिकारों की परिभाषा को पटल पर रखने की मांग की गई।