CG : सहकारी आंदोलन को और अधिक संगठित कर मजबूत बनाने की आवश्यकता : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन एवं राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा है कि सहकारी आंदोलन को और अधिक संगठित कर मजबूत बनाने की आवश्यकता है। देश के विभिन्न राज्यों की सहकारी क्षेत्र की नीतियों की अच्छाईयों को स्वीकार कर और सहकारी क्षेत्र की कमियों को दूर कर आगे बढ़ा जा सकता है। आज यह भी जरूरत है कि सहकारी क्षेत्र को किसानों और ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सक्षम बनाया जाए। इसके लिए हमें सहकारी बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों के समान ही मजबूत बनाने की जरूरत है। साथ ही इन बैंकों से उद्यानिकी और कैश क्रॉप के लिए भी ऋण देने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि देश के सहकारी आंदोलन का सबसे बड़ा उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य दिलाना होना चाहिए। ऐसी कोशिश होनी चाहिए कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। किसानों को कृषि ऋण, खाद-बीज की उपलब्धता के साथ सहकारी क्षेत्र से और अधिक योजनाओं को जोड़ा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में हो रहे अनाज के सरप्लस उत्पादन से एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देकर अन्नदाता किसानों को ऊर्जादाता बनाने की जरूरत है। इसके लिए आवश्यक है कि केन्द्र सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि आज सहकारी बैंकों को किसानों और ग्रामीणों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए सक्षम बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, लघुवनोंपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, गौठनों में महिला समूह द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय जैसी विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों को सहकारी बैंकों से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित किसानों के हित में अनेक योजनाएं लागू की हैं, जिससे किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है और खेती-किसानी छत्तीसगढ़ में लाभ का व्यवसाय बन गया है। श्री बघेल ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने का रास्ता छत्तीसगढ़ में लागू की गई किसान हितैषी योजनाओं से निकलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारी क्षेत्र में पंजीकृत किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गई है। इसी तरह खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर हो गया है। इन 3 सालों में 7 लाख किसानों का पंजीयन बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदने की बात कही, तो केंद्र ने इस पर आपत्ति जताते हुए हमें एफसीआई में चावल जमा न करने की बात कही, लेकिन हम अपने निर्णय से पीछे नहीं हटे और समर्थन मूल्य के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें खरीफ की सभी फसलों के साथ उद्यानिकी फसलों, वृक्षारोपण को भी शामिल किया गया है। हमने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर में ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही लाख और मछली पालन को खेती का दर्जा दिया है। विभिन्न योजनाओं के जरिए पशुपालकों, किसानों, मजदूरों और वनवासियों के खातों में हमारी सरकार ने 91 हजार करोड़ रुपए का सीधा ट्रांजैक्शन किया है।