रायपुर। विधायक शिवरतन शर्मा ने रायपुर से केंद्री एक्सप्रेस वे में अनियमितता और विभाग की कार्रवाई के संदर्भ में जानकारी मांगी है. निर्माणकर्ता एजेंसी कौन है इसके अलावा निर्माण में क्या-क्या अनियमितता पाई गई? दोषी अधिकारी के निलंबन का अधिकार किसके पास था और निलंबन के पश्चात बहाल किसने किया?
मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब देते हुए कहा कि एक्सप्रेस वे बनने बाद शिकायतें शुरू हुई. प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नियुक्ति की गई. जानकारी मूल विभाग को भेजी जाती है. मूल विभाग ने निलंबन की प्रक्रिया की जिनकी जांच प्रक्रिया पूर्ण हुई और अधिकारी को बहाल किया गया है।
विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि मूल विभाग ने यदि सस्पेंड किया है 1 वर्ष में विभागीय जांच पूर्ण हो गई क्या और बहाली के लिए क्या प्रक्रिया है.
मंत्री का जवाब निर्माण कार्य में अनियमितता के चलते 6 शासकीय सेवक निलंबित हुए. एक शासकीय सेवक जिनका जल विभाग में प्रकरण था. जांच में आंशिक अनियमितता पाई गई, जिन्हें बहाल किया गया. तीन शासकीय सेवक वर्तमान में निलंबित है. विभाग को लिखा गया था मूल विभाग ने ही सस्पेंड किया और मूल विभाग ने ही बहाल किया.
विधायक का सवाल 3 वर्षों में जांच कंप्लीट नहीं हुई है. अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई. जिन्हें निलंबित किया गया अब उन्हें बहाल किया जा रहा है.
मंत्री का जवाब चुनाव से पहले बीजेपी ने एक्सप्रेस वे जल्दबाजी में बनाया. जवाबदेही, ठेकेदार के खर्च पर ही पूरा सड़क बनवाया जा रहा है ये सबसे बड़ी कार्रवाई है. एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य लगभग समाप्ति की ओर है,,,जांच भी हुई है और नियमानुसार कार्रवाई भी की गई है सस्पेंड किया गया और बहाली भी की गई है.
विधायक का सवाल 600 करोड़ रुपए की सड़क है .विभागीय जांच क्या पूर्ण हो चुकी है.
मंत्री का जवाब जो जानकारी थी वह विधायक को दे दी गई है,,,
विधायक का सवाल पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से दो अधिकारी जिन्हें बहाल किया गया है उनकी जांच रिपोर्ट आ गई है क्या,,,,
मंत्री का जवाब निलंबन कोई सजा नहीं होती जांच प्रक्रिया चलती रहती है बहाली की भी प्रक्रिया चलती रहती है. जिसके बाद पक्ष विपक्ष में शोरगुल शुरू हो गया।